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नीति आयोग के सदस्य ने कहा : टैक्‍स के दायरे में लाई जाए कृषि आय, इस प्रयास से बढ़ेगा टैक्‍स आधार

नीति आयोग के सदस्य बिबेक देबरॉय ने संसाधन बढ़ाने के लिए व्यक्तिगत आयकर पर दी जाने वाली छूट समाप्त करने और कृषि आय को टैक्‍स दायरे में लाने की वकालत की।

Manish Mishra
Updated : April 26, 2017 8:25 IST
नीति आयोग के सदस्य ने कहा : टैक्‍स के दायरे में लाई जाए कृषि आय, इस प्रयास से बढ़ेगा टैक्‍स आधार
नीति आयोग के सदस्य ने कहा : टैक्‍स के दायरे में लाई जाए कृषि आय, इस प्रयास से बढ़ेगा टैक्‍स आधार

नई दिल्ली। नीति आयोग के सदस्य बिबेक देबरॉय ने सरकार के संसाधन बढ़ाने के लिये व्यक्तिगत आयकर पर दी जाने वाली छूट समाप्त करने और कृषि आय को टैक्‍स के दायरे में लाने की वकालत की। उन्होंने कहा कि इस प्रयास से टैक्‍स आधार बढ़ेगा और सामाजिक क्षेत्र की योजनाओं के लिए अधिक फंड उपलब्ध हो सकेगा।

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देबरॉय ने कहा कि,

व्यक्तिगत आयकर पर भी छूट समाप्त होनी चाहिए। व्यक्तिगत आयकर का दायरा बढ़ाने के लिये इसमें दी जाने वाली छूट समाप्त करने के अलावा एक सीमा से अधिक कृषि आय समेत ग्रामीण क्षेत्र में भी कर लगाया जाना चाहिए।

ग्रामीण क्षेत्र में आयकर लगाने की सीमा के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि इस बारे में तीन या पांच साल की औसत आय को ध्यान में रखकर निर्णय किया जा सकता है। नीति आयोग के सदस्‍य देबरॉय ने कहा, ‘मैं ग्रामीण और शहर के कृत्रिम विभाजन में विश्वास नहीं करता। इसलिए शहरी क्षेत्र में व्यक्तिगत आय की जो सीमा है वहीं ग्रामीण क्षेत्र में भी होनी चाहिए।’

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उन्होंने कहा, ‘इस मामले में मैं जो बेहतर कर सकता हूं, क्योंकि यह कृषि आय है, किसी एक साल की कृषि आय का इस्तेमाल करने के बजाय, मैं इसे तीन साल के औसत या फिर पांच साल के औसत के हिसाब से इस्तेमाल कर सकता हूं क्योंकि कृषि आय में हर साल उतार-चढ़ाव आता रहता है। इसके अलावा कर सीमाएं यथावत होनी चाहिए।’

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