नई दिल्ली। जापान की दिग्गज ऑटो कंपनी Nissan (निसान) ने तमिलनाडु सरकार पर लंबित प्रोत्साहन को लेकर विवाद के समाधान के लिए भारत सरकार के साथ काम करने की प्रतिबद्धता जताई है। इससे पहले निसान ने कथित तौर पर भारत सरकार को अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता कार्यवाही में घसीटते हुए 77 करोड़ डॉलर से अधिक राशि की मांग की है। इसमें बकाया प्रोत्साहन राशि, नुकसान तथा अन्य के साथ ब्याज लागत शामिल है।
पिछले साल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भेजे गए एक कानूनी नोटिस में निसान ने 2008 के अनुबंध के तहत तमिलनाडु सरकार पर बकाया प्रोत्साहन राशि की मांग की थी। तमिलनाडु सरकार ने उस समय निसान समूह को राज्य में कारखाना लगाने पर कर प्रोत्साहन समेत कई राहत की पेशकश की थी। रिपोर्ट के मुताबिक राज्य सरकार ने 2015 में कंपनी को प्रोत्साहन नहीं दिया। कंपनी ने इस मामले में हस्तक्षेप के लिए केंद्र से भी आग्रह किया।
संपर्क किये जाने पर निसान के प्रवक्ता ने पूरे प्रकरण से इनकार नहीं किया। प्रवक्ता ने कहा कि हम मामले के समाधान के लिए भारत सरकार के साथ काम करने को लेकर प्रतिबद्ध हैं। हालांकि उसने यह नहीं बताया कि किस कारण से ये कदम उठाया गया है। प्रवक्ता ने इस पर कोई टिप्पणी नहीं की कि जापानी कंपनी ने मध्यस्थता कार्यवाही कहां शुरू की है। रेनो-निसान गठबंधन ने तमिलनाडु में अब तक 6,100 करोड़ रुपए के निवेश से विनिर्माण संयंत्र लगाया है। इसकी क्षमता सालाना 4.8 लाख यूनिट उत्पादन की है।