नयी दिल्ली: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आपस में विलय करने में लगे सरकारी क्षेत्र के बैंकों के प्रमुखों के साथ बृहस्पतिवार को मुलाकात करेंगी। कुछ अलग-अलग समूहों में इन बैंकों का एक अप्रैल से विलय होने जा रहा है। सूत्रों ने कहा कि इस बैठक में वित्त मंत्री विलय की योजना और तैयारियों की समीक्षा करेंगी। इससे पहले इसी माह केंद्रीय मंत्रिमलंडल ने सरकारी क्षेत्र के दस बैंकों को चार बैंक में एकीकृत करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी थी। सूत्रों ने बताया कि 12 मार्च को वित्त मंत्री के साथ बैठक में विलय के बाद इन बैंकों द्वारा ग्राहकों को बैंकिंग सेवाएं और उत्पाद सुलभ कराने की तैयारी की समीक्षा भी की जाएगी।
इसमें आगे के लिए इनकी वित्तीय और व्यावसायिक योजनाओं पर भी चर्चा होगी। इसमें इसके कर्ज और जमा कारोबार में वृद्धि के अनुमान और विलय के बाद समन्वय के समयबद्ध लक्ष्यों को हासिल करने जैसे विषय भी आएंगे। प्रस्ताव के अनुसार ओरियंटल बैंक ऑफ कॉमर्स (ओबीसी) तथा यूनाइटेड बैंक आफ इंडिया (यूबीआई) को पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) में, सिंडिकेट बैंक को केनरा बैंक में, यूनियन बैंक आफ इंडिया और आंध्र बैंक और कार्पोरेशन बैंक को एक में तथा इंडियन बैंक और इलाहाबाद बैंक को एक में मिलाया जाएगा। इस विलय से पीएनबी दूसरा सबसे बड़ा वाणिज्यिक बैंक हो जाएगा।