नई दिल्ली। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गुरुवार को कहा कि अर्थव्यवस्था कोविड-19 महामारी से प्रभावित हुई है, जो कि एक दैवीय घटना है और इससे चालू वित्त वर्ष में इसमें और अधिक संकुचन आएगा। चालू वित्त वर्ष में जीएसटी राजस्व प्राप्ति में 2.35 लाख करोड़ रुपए की कमी का अनुमान लगाया गया है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने जीएसटी परिषद की 41वीं बैठक के बाद संवाददाताओं से कहा कि स्पष्ट रूप से जीएसटी क्रियान्वयन के कारण जो क्षतिपूर्ति बनती है, केंद्र उसका भुतान करेगा। केंद्र के आकलन के अनुसार चालू वित्त वर्ष में क्षतिपूर्ति के रूप में राज्यों को 3 लाख करोड़ रुपए की जरूरत होगी। इसमें से 65,000 करोड़ रुपए की भरपाई जीएसटी के अंतर्गत लगाए गए उपकर से प्राप्त राशि से होगी। इसीलिए कुल 2.35 लाख करोड़ रुपए की कमी रहने का अनुमान है।
केंद्र के अनुसार 2.35 लाख करोड़ रुपए में से 97,000 करोड़ रुपए की कमी जीएसटी क्रियान्वयन की वजह से है, जबकि शेष का कारण कोविड-19 का अर्थव्यवस्था पर प्रभाव है। सीतारमण ने कहा कि अर्थव्यवस्था असाधारण स्थिति का सामना कर रही है। यह दैवीय घटना है। इसके परिणामस्वरूप अर्थव्यवस्था में गिरावट तक आ सकती है। इससे पहले, रिजर्व बैंक ने इसी सप्ताह कहा था कि आर्थिक गतिविधियों में गिरावट दूसरी तिमाही में भी जारी रहने की आशंका है।
मई और जून में जो तेजी देखी गई थी, ऐसा लगता है कि वह नदारद हो गई है। इसका कारण कुछ राज्यों में कोरोना वायरस महामारी की रोकथाम के लिए फिर से लॉकडाउन लगाया जाना है। विभिन्न एजेंसियों ने चालू वित्त वर्ष के लिए आर्थिक वृद्धि के जो अनुमान लगाए हैं, उसमें जीडीपी में 3.2 प्रतिशत से लेकर 9.5 प्रतिशत तक की गिरावट की आशंका जताई गई है।
भारत की आर्थिक वृद्धि दर में गिरावट महामारी शुरू होने से पहले ही होने लगी थी। जीडीपी वृद्धि दर 2019-20 में 4.2 प्रतिशत रही, जो वैश्विक वित्तीय संकट के बाद सबसे कम वृद्धि दर है। राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही के जीडीपी अनुमान 31 अगस्त को जारी करने वाला है।