नई दिल्ली: भारत के सबसे पुराने और अग्रणी प्राइवेट बैंकों में से एक, तमिलनाड मर्केंटाइल बैंक (टीएमबी) का शताब्दी महोत्सव आज तूतुकुड़ी, तमिलनाडु में शुरू हुआ। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस महोत्सव का उद्घाटन किया। केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण और मत्स्य पालन, पशुपालन व डेयरी राज्य मंत्री डॉ. एल. मुरुगन; टीएमबी के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी, थीरु के वी रामा; टीएमबी का निदेशक मंडल, थीरु जी नटराजन, आई.पी.ओ.एस., पोस्ट मास्टर जनरल; डॉ. के सेंथिल राज, आईएएस, तूतुकुड़ी जिले के कलेक्टर, अन्य सरकारी अधिकारीगण, बैंक के ग्राहक एवं गणमान्य व्यक्ति भी इस मौके पर मौजूद रहे।
इस अवसर पर निर्मला सीतारमण ने अनूठे टीएमबी 'पोस्ट स्टैंप' और विशेषीकृत 'पोस्टल कार्ड' लॉन्च किया। उन्होंने 'टीएमबी मोबाइल डिजिलॉबी' वाहन को झंडी दिखाकर रवाना किया जिससे ग्राहक अपने दरवाजे पर नकद पैसे की जमा-निकासी और पासबुक प्रिंटिंग कर सकेंगे। उन्होंने 'मोबाइल वैक्सीनेशन कैंप' वाहन को भी झंडी दिखाकर रवाना किया, जिसे टीएमबी और भारत के प्रीमियम ब्रॉडकास्ट नेटवर्क, टाइम्स नेटवर्क द्वारा संयुक्त रूप से परिचालित किया जायेगा, ताकि लोगों को टीकाकरण के महत्व के बारे में जानकारी दी जा सके, जिससे कोविड का प्रकोप रोकने में मदद मिलेगी। फिर, वित्त मंत्री ने फार्मा, हेल्थकेयर और प्रधानमंत्री स्वनिधि यूनिट्स को लोन बांटे।
वित्त मंत्री, निर्मला सीतारमण ने कहा, ''टीएमबी के आज 100 वर्ष पूरे हुए हैं, मैं इस संस्था से जुड़े आप सभी आप सभी लोगों को बधाई देती हूं। यह मामूली उपलब्धि नहीं है, ऐसी अनेक कंपनियां और संगठन हैं जो वर्षों से मौजूद होने के बाद भी अपने रास्ते से भटक चुके हैं। टीएमबी ने तमिलनाडु बैंकिंग सेक्टर के लिए एक मिसाल कायम की है। आज, यह सेक्टर सरकार द्वारा लिये गये प्रॉम्प्ट करेक्टिव एक्शन स्टेप्स के बाद स्थिर है। सार्वजनिक क्षेत्र के अनेक बैंक अब सामान्य स्थिति में आ चुके हैं।
साथ ही, टीएमबी ने एक ही जैसी समस्याओं का सामना करते हुए अच्छा प्रदर्शन किया है और मुश्किल समय से बाहर निकल चुका है। यही नहीं, बैंक ने डिजिटलीकरण को अनुकूलित किया है और सही रास्ते पर आगे बढ़ रहा है। बैंकिंग टेक्नोलॉजी शानदार उंचाइयों पर पहुंच चुकी है और ग्रामीण क्षेत्रों में शाखाएं खोले बिना भी, आज डिजिटलीकरण के जरिए बैंकिंग सेवाएं उपलब्ध करा सकते हैं।
आज, 'जन धन योजना' के चलते भारत के सभी नागरिकों के लिए बैंकिंग सेवा उपलब्ध कराना संभव हो सका है। भारत सरकार ने लोगों के लिए जीरो बैलेंस, रुपे कार्ड और बीमा के साथ जन धन योजना उपलब्ध कराया है।
हमारे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी स्पष्ट रूप से इस बात से अवगत थे कि यह जीरो बैलेंस एकाउंट होगा, लेकिन वो चाहते थे कि सभी नागरिक बैंकिंग प्रक्रियाओं और वित्तीय समावेशन को जानें। यदि गरीब से भी गरीब लोगों को वित्तीय समावेशन में शामिल करने के लिए प्रधानमंत्री जन धन योजना लॉन्च नहीं की गयी होती तो यह संभव नहीं हो पाता।''
केंद्रीय मंत्री ने कहा, ''कोविड के दौरान भी, हमारे 'बैंक मित्र' भारत के ग्रामीण क्षेत्रों के कोने-कोने तक पहुंच और राहत के तौर पर तीन महीने तक 500 रु. बांटे। यह भी जन धन योजना के चलते ही संभव हो पाया। टीएमबी का गर्व के साथ कहना है कि उनकी 74 प्रतिशत गतिविधियां प्रायोरिटी सेक्टर लेंडिंग के लिए हैं। प्रायोरिटी लेंडिंग के बढ़ने के साथ बैंकिंग हर ग्रामीण क्षेत्र तक पहुंच सकती है।'' उन्होंने बैंक को भविष्य में टेक्नोलॉजी को अपनाने और अधिक से अधिक डिजिटलीकरण करने की भी सलाह दी।
आयोजन के बारे में प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए, थीरु के वी रामा मूर्ति, प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी ने बताया, ''टीएमबी ने पिछले 99+ वर्षों से हमेशा सभी हितधारकों के लिए मूल्यवर्धन किया है। बैंक समय की कसौटी पर खरा उतरा है और स्वतंत्रता, आपातकाल, अर्थव्यवस्था के उदारीकरण और हाल ही में कोविड-19 महामारी जैसी विभिन्न ऐतिहासिक घटनाओं का साक्षी रहा है।
कोविड-19 के प्रतिकूल प्रभाव से उबरने में उधारकर्ताओं की मदद करने के लिए, बैंक ने अब तक 1,567.62 करोड़ रुपये के जोखिम वाले 13753 लाभार्थियों को कवर किया है। डिजिटल बैंकिंग के युग में, हम ग्राहकों को गुणवत्तापूर्ण सेवा प्रदान करने के लिए करेंसी चेस्ट में रोबोटिक्स की शुरुआत करने वाले पहले बैंक थे। हमारे शताब्दी समारोहों के अंतर्गत, हम कई पहलें शुरू कर रहे हैं जिसमें विशेष डाक टिकट और डाक कार्ड जारी करना भी शामिल है। हम अपने समुदायों का समर्थन करने के लिए टीएमबी मोबाइल डिजिलॉबी और एक मोबाइल टीकाकरण अभियान भी शुरू कर रहे हैं। फार्मा और स्वास्थ्य देखभाल इकाइयों को ऋणों का संवितरण हमारी ओर से एक साल तक चलने वाले कार्यक्रमों और पहलों की श्रृंखला के केंद्र में होगा।''