नई दिल्ली। सार्वजनिक क्षेत्र के पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) ने अपनी कर्ज वितरण प्रणाली को कड़ा बनाने का फैसला किया है। साथ ही बैंक कर चूक या धोखाधड़ी रोकने के लिए निगरानी व्यवस्था भी मजबूत करेगा। पीएनबी 13,000 करोड़ रुपए के ऋण घोटाले से जूझ रहा है। इस घोटाले के सूत्रधार हीरा कारोबारी नीरव मोदी और उसका मामा मेहुल चौकसी हैं।
आधिकारिक सूत्रों ने आज यहां कहा कि जिन कुछ चीजों पर विचार किया जा रहा है उनमें मंजूरी से पहले का आकलन और मंजूरी के बाद निगरानी टीम बनाना शामिल है। इससे कामकाज का संचालन और पारदर्शिता बेहतर हो सकेगी।
सूत्रों ने कहा कि एक नया निगरानी समूह बनाया जाएगा जो यह देखेगा कि परियोजनाओं से नकदी के प्रवाह का इस्तेमाल बैंक का कर्ज चुकाने के लिए किया जा रहा है या नहीं। दबाव वाली संपत्तियों की वसूली के लिए एक अलग खंड बनाया जाएगा।
सूत्रों ने कहा कि कुछ शाखाओं में इसे पायलट आधार पर शुरू किया जाएगा। अगले छह माह में इसे राष्ट्रीय स्तर पर शुरू किया जाएगा। ये बदलाव मिशन परिवर्तन अभियान के तहत किए जाएंगे। बैंक ने इसी सप्ताह इस अभियान की घोषणा की है।
सूत्रों ने बताया कि ग्राहकों की सुविधाओं को बेहतर करने के लिए उपभोक्ता प्रतिक्रिया प्रणाली का ऑटोमेशन किया जाएगा। सूत्रों ने कहा कि इसके अलावा बैंक उभरती प्रौद्योगिकियों एआई और एनालिटिक्स के सक्रियता से इस्तेमाल पर भी विचार कर रहा है ताकि ऑडिट प्रक्रिया पर निगरानी को बेहतर किया जा सके।