लंदन। गुरुवार को भगोड़े भारतीय कारोबारी नीरव मोदी को लंदन की वेस्टमिंस्टर अदालत में पेश किया गया। जहां 48 साल के नीरव मोदी की हिरासत 27 जून तक बढ़ गई है। अब मामले की अगली सुनवाई 29 जुलाई को होगी। जज ने भारत सरकार से कहा है कि नीरव को कौनसी जेल में रखा जाएगा, 14 दिन में इसकी जानकारी दें।
अरबों रुपए के पीएनबी घोटाले का आरोपी नीरव साउथ-वेस्ट लंदन की वांड्सवर्थ जेल में है। 19 मार्च को सेंट्रल लंदन की मेट्रो बैंक ब्रांच से नीरव की गिरफ्तारी हुई थी। वह बैंक खाता खुलवाने पहुंचा था। नीरव मोदी के वकील ने सशर्त जमानत की दलील रखी थी लेकिन जज ने खारिज कर दी।
तीन बार खारिज हो चुकी है अर्जी
नीरव की जमानत अर्जी तीन बार खारिज हो चुकी है। उसने 8 मई को आखिरी बार अर्जी लगाई थी। नीरव की वकील क्लेर मोंटगोमरी ने दलील दी थी कि जमानत के लिए नीरव कोर्ट की सभी शर्तें मानने के लिए तैयार है क्योंकि वांड्सवर्थ जेल की स्थितियां रहने के लायक नहीं हैं। जज एम्मा अबर्थनॉट ने मामले को गंभीर बताते हुए कहा था कि यह बड़े फ्रॉड का मामला है जिससे भारतीय बैंक को नुकसान हुआ। मैं इस बात से संतुष्ट नहीं हूं कि सशर्त जमानत से नीरव को लेकर भारत सरकार की चिंताएं खत्म हो जाएंगी।
भारतीय एजेंसियां नीरव मोदी के प्रत्यर्पण की कोशिश में जुटीं
पिछले साल जनवरी में पीएनबी घोटाले का खुलासा हुआ। उससे पहले ही नीरव विदेश भाग गया था। उसने पीएनबी की मुंबई स्थित ब्रेडी हाउस ब्रांच के अधिकारियों से मिलीभगत कर फर्जी लेटर ऑफ अंडरटेकिंग्स (एलओयू) जारी करवाए थे। भारतीय एजेंसियां उसके प्रत्यर्पण की कोशिश में जुटी हैं। बता दें कि भगोड़ा हीरा कारोबारी नीरव मोदी 2 अरब डॉलर के पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) धोखाधड़ी और मनी लांड्रिंग मामले में भारत प्रत्यर्पित किए जाने के खिलाफ मामला लड़ रहे हैं। नीरव मोदी को लंदन पुलिस ने प्रत्यर्पण वारंट पर लंदन के मेट्रो बैंक से गिरफ्तार किया था। वह उस समय एक नया बैंक खाता खोलने का प्रयास कर रहा था। तब से वह दक्षिण-पश्चिम लंदन की वैंड्सवर्थ जेल में बंद है।