नई दिल्ली। पंजाब नेशनल बैंक के साथ लगभग 2 अरब डॉलर के धोखाधड़ी के मामले में देश छोड़कर भागे हीरा कारोबारी नीरव मोदी को आखिरकार भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित कर दिया गया है। गुरुवार को विशेष मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम कानून (पीएमएलए) कोर्ट ने पंजाब नेशनल बैंक घोटाला मामले में नीरव मोदी को प्रवर्तन निदेशालय की याचिका पर भगोड़ा आर्थिक अपराधी कानून के तहत भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित कर दिया है।
शराब कारोबारी विजय माल्या के बाद नीरव मोदी दूसरा ऐसा कारोबारी है, जिसे भगोड़ा आर्थिक अपराधी कानून के तहत भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित किया गया है। भगोड़ा आर्थिक अपराधी कानून पिछले साल अगस्त से प्रभावी हुआ है। कोर्ट नीरव मोदी की संपत्ति को जब्त करने का आदेश बाद में सुनाएगी।
विशेष पीएमएलए कोर्ट के जज वी.सी. बार्दे ने बचाव पक्ष और प्रवर्तन निदेशालय के वकीलों की दलील सुनने के बाद नीरव मोदी को भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित किया। इससे पहले नीरव मोदी ने प्रवर्तन निदेशायल की भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित करने की ईडी की याचिका को रद्द करने की अपील की थी।
मोदी और उसका मामा मेहुल चोकसी पीएनबी घोटाले में मुख्य आरोपी हैं। जनवरी 2018 में घोटाले का पता चलने से पहले ही दोनों देश छोड़कर भाग चुके थे। इस साल मार्च में नीरव मोदी को लंदन में गिरफ्तार किया गया और प्रत्यर्पण प्रक्रिया अभी लंबित है।
ब्रिटेन में नीरव मोदी की हिरासत 2 जनवरी तक बढ़ाई गई
ब्रिटेन की अदालत ने बुधवार को सुनवाई के दौरान भगोड़े हीरा कारोबारी नीरव मोदी की हिरासत की अवधि बढ़ा दी है और उन्हें दो जनवरी को जेल से वीडियो लिंक के जरिये पेश होने को कहा है। नीरव मोदी पंजाब नेशनल बैंक के साथ दो अरब डॉलर की धोखाधड़ी और मनी लॉन्ड्रिंग मामले में प्रत्यर्पण कार्रवाई से बचने के लिए लड़ाई लड़ रहा है।
नीरव मोदी वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट अदालत में लंदन की वैंड्सवर्थ जेल से अपनी 28 दिन की शुरुआती सुनवाई के लिए उपस्थित हुआ। न्यायाधीश गैरेथ ब्रैंस्टन ने फिर से पुष्टि की है कि प्रत्यर्पण पर सुनवाई अगले साल 11 मई को शुरू होगी और यह पांच दिन चलेगी। न्यायाधीश ने यह भी फैसला दिया है कि नीरव मोदी दो जनवरी 2020 को वीडियो लिंक के जरिये पेश होगा। इस बीच, उसे 28 दिन हर रोज अदालत के सामने आना होगा।