लंदन। भारत में धोखाधड़ी तथा मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों में वांछित भगोड़ा हीरा कारोबारी नीरव मोदी ने ब्रिटेन के उच्च न्यायालय में शुक्रवार को जमानत के लिए अर्जी दी। नीरव मोदी करीब दो अरब डॉलर की धोखाधड़ी तथा मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों में भारत में वांछित है। क्रॉउन प्रॉसीक्यूशन सर्विस ने कहा कि इस जमानत याचिका पर 11 जून को सुनवाई होगी।
नीरव मोदी 13,000 करोड़ रुपए के पंजाब नैशनल बैंक (पीएनबी) फ्रॉड और मनी लॉन्ड्रिंग केस में खुद के भारत प्रत्यर्पण से बचने की कोशिश में जुटा है। बता दें कि भगोड़े हीरा कारोबारी नीरव मोदी की जेल से छूटने की कोशिश पर बीते गुरुवार उस वक्त पानी फिर गया जब ब्रिटेन की अदालत ने नीरव मोदी की हिरासत 27 जून तक बढ़ा दी। अब मामले की अगली सुनवाई 29 जुलाई को होगी। हालांकि अदालत ने भारत सरकार को 14 दिनों के भीतर यह बताने को कहा था कि यदि नीरव मोदी का प्रत्यर्पण किया गया तो उसे किस जेल में रखा जाएगा। नीरव मोदी को केंद्रीय लंदन में स्थित मेट्रो बैंक की एक शाखा के प्रत्यर्पण वारंट पर स्कॉटलैंड यार्ड ने 19 मार्च को गिरफ्तार किया था, जहां वह अपना नया बैंक अकाउंट खुलवाने की कोशिश कर रहा था। तब से वह जेल में ही बंद है।
इससे पहले वेस्टिंस्टर मैजिस्ट्रेट्स कोर्ट में सुनवाई के दौरान दलील दी गई कि नीरव मोदी पीएनबी को चूना लगाने के लिए जारी किए गए फर्जी लेटर्स ऑफ अंडरस्टैंडिंग्स का प्रमुख लाभार्थी था। वह फर्जीवाड़े से जुटाए पैसे की लॉन्ड्रिंग कर अपराध के रास्ते पर बढ़ता गया। दिसंबर 2018 में भारत के एक और भगोड़े विजय माल्या के भारत प्रत्यर्पण का आदेश देने वाली जज अर्बथनॉट ने भारत सरकार का प्रतिनिधित्व कर रहे सीपीसी की दलील से सहमति जताई, जज ने कहा सीपीसी को कहा कि वह नीरव मोदी के मामले से जुड़े सारे दस्तावेजों को सही तरीके से सूचीबद्ध करते हुए अदालत में पेश करे।