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यूनियनों की हड़ताल से सरकारी बैंकों का कामकाज हुआ ठप, खुले हैं प्राइवेट बैंक

बैंक यूनियनों के एक वर्ग की हड़ताल के कारण मंगलवार को सरकारी बैंकों की तमाम शाखाएं या तो बंद रहीं या उनमें काम कामकाज नहीं हुआ।

Ankit Tyagi
Updated : February 28, 2017 13:25 IST
यूनियनों की हड़ताल से सरकारी बैंकों का कामकाज हुआ ठप, खुले हैं प्राइवेट बैंक
यूनियनों की हड़ताल से सरकारी बैंकों का कामकाज हुआ ठप, खुले हैं प्राइवेट बैंक

नई दिल्ली। बैंक यूनियनों के एक वर्ग की हड़ताल के कारण मंगलवार को सरकारी बैंकों की तमाम शाखाएं या तो बंद रहीं या उनमें काम कामकाज नहीं हुआ। यूनियनों ने अपनी विभिन्न मांगों को लेकर एक दिन की इस हड़ताल का एलान किया था। इसमें यह मांग भी है कि वसूल नहीं हो रहे कर्जों के लिए बड़े अधिकारियों को उत्तरदायी ठहराया जाए। हालांकि, प्राइवेट बैंकों में कामकाम सामन्य रूप से चल रहा है।

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सरकारी बैंकों में कामकाज ठप

  • यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन्स (यूएफबीयू) की अपील पर इस हड़ताल से विभिन्न बैंकों की शाखाओं में धन के नकद जमा और आहरण तथा चेकों के समाशोधन का काम बुरी तरह प्रभावित बताया गया।
  • यूएफबीयू में नौ यूनियन हैं जिनमें भारतीय मजदूर संघ (बीएमएस) से संबंधित नेशनल आर्गनाइजेशन आफ बैंक वर्कर्स :एनओबीडब्ल्यू: तथा नेशनल आर्गनाइजेशन आफ बैंक आफीसर्स(एनओबीओ) भी हैं लेकिन बीएमएस से संबद्ध ये दोनों ही संगठन आज की हड़ताल में शामिल नहीं हैं।

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खुले है प्राइवेट बैंक

  • निजी क्षेत्र के आईसीआईसीआई बैंक, एचडीएफसी बैंक, एक्सिस बैंक तथा कोटक महिंद्रा बैंक में कामकाज सामान्य है।
  • यूएफबीयू नौ प्रमुख यूनियनों का शीर्ष संघ है । भारतीय मजदूर संघ से सम्बद्ध नेशनल ऑर्गेनाइजेशन ऑफ बैंक वर्कर्स तथा नेशनल ऑर्गेनाइजेशन ऑफ बैंक आफिसर्स इस हड़ताल में भाग नहीं ले रहा।

एआईबीईए के महासचिव ने कहा…

आल इंडिया बैंक एम्लाईज एसोसिएशन (एआईबीईए) के महासचिव सीएस वेंकटचलम ने कहा, प्रबंधकों और आईबीए इंडियन बैंक्स एसोसिएशन की हठधर्मिता और संवेदनहीनता के कारण हमें इस हड़ताल के लिए मजबूर होना पड़ा है। इन लोगों ने नोटबंदी के दौरान बैंक कर्मियों की ओर से अतिरिक्त समय तक दी गयी सेवाओं के लिए अलग से भुगतान किए जाने की हमारी मांग पर बातचीत करना भी उचित नहीं समझा।

टल सकती थी हड़ताल

  • बीएमएस से सम्बद्ध एनओबीडब्ल्यू के उपाध्यक्ष अश्विनी राणा ने कहा, यह हड़ताल अनावश्यक थी क्योंकि आईबीए ने मार्च के पहले सप्ताह में यूनियनों को बातचीत के लिए बुला रखा है और ग्रेच्युटी के बारे में भी सरकार ने मानसून सत्र में कानून में संशोधन का आश्वासन दे रखा है।
  • हड़ताल टाली जा सकती थी। भारत में सार्वजनिक क्षेत्र के 27 बैंक हैं। इनका कुल बैंकिंग सेवा बाजार के तीन चौथाई कारोबार पर नियंत्रण है।

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