नई दिल्ली। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज के सूचकांक निफ्टी में सूचीबद्ध बहुसंख्यक शीर्ष कंपनियां पहले साल में सामाजिक जिम्मेदारी (सीएसआर) के तहत निर्धारित राशि खर्च करने में विफल रही हैं।
सिंपली फाइव कॉरपोरेट सेक्रेटेरियल सर्विसेस द्वारा जारी ताजा अध्ययन में कहा गया है कि निफ्टी सूचकांक में शामिल कंपनियों ने वित्त वर्ष 2014-15 के दौरान सीएसआर गतिविधियों में 3,989 करोड़ रुपए खर्च किए हैं, जो निर्धारित 5,046 करोड़ रुपए का 79 फीसदी है। कंपनियां निर्धारित लक्ष्य से 21 फीसदी पीछे हैं।
कंपनी कानून के तहत नियमों के अनुपालन के लिए शोध एवं प्रौद्योगिकी आधारित समाधान देने वाली सिंपली फाइव के अनुसार 32 निफ्टी कंपनियों (64 फीसदी) ने सीएसआर पर निर्धारित राशि खर्च नहीं की है। नए कंपनी कानून के तहत लाभ कमाने वाली कंपनियों को अपने तीन साल के औसत लाभ का कम-से-कम 2.0 फीसदी सीएसआर पर खर्च करना जरूरी है। रिपोर्ट के अनुसार, निफ्टी कंपनियों ने सीएसआर पर 3,989 करोड़ रुपए खर्च किए, जो निर्धारित 5,046 करोड़ रुपए का 79 फीसदी है। साथ ही 32 निफ्टी कंपनियों ने अपनी निर्धारित राशि खर्च नहीं की।
इथेनॉल वाले वाहनों के विनिर्माण की नीति अगले माह तक
केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि प्रदूषण रोकने के लिए सरकार अगले महीने तक एक ऐसी नीति पेश करेगी, जिसके तहत देश में विनिर्माता अलग अलग प्रकार के ईंधनों के प्रयोग के विकल्प वाले वाहन पेश कर सकेंगे। गडकरी ने इसी संदर्भ में चीनी उद्योग से इथेनॉल का उत्पादन बढ़ाने की अपील की। उन्होंने कहा कि देश में इथेनॉल के उपयोग वाले वाहनों के आने से इसकी मांग बढ़ने की संभावना है। इंडियन शुगर मिल्स एसोसिएशन की सालाना आम बैठक में गडकरी ने कहा, हम वाहनों में ईंधन के इस्तेमाल के मामले में लचीलापन की नीति पर काम कर रहे हैं। इस नीति के तहत ये वाहन पूरी तरह इथेनॉल पर चल सकते हैं लेकिन इसमें पेट्रोल का भी विकल्प होगा। मैं इस बारे में 26 जनवरी से पहले घोषणा करूंगा।