नई दिल्ली। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने नियंत्रण रेखा के पार से व्यापार तथा कश्मीर घाटी में अलगाववादी समूह द्वारा कथित धन प्राप्त किए जाने के मामले की तफ्तीश में कर अधिकारियों को शामिल किया है। ऐसा माना जाता है कि आतंकवादियों की फाइनेंसिंग का यह मुख्य स्रोत है। केंद्र ने भारतीय राजस्व सेवा (सीमा शुल्क और केंद्रीय उत्पाद) के अधिकारियों को NIA में प्रतिनियुक्ति (डेप्युटेशन) की अनुमति दे दी है ताकि बहु-स्तरीय व्यापार सौदों की जांच में मदद मिल सके।
यह भी पढ़ें : सरकार ने मोबाइल चार्जिंग में काम आने वाले यूएसबी केबल पर 10 फीसदी आयात शुल्क लगाया
आतंकवाद संबंधित मामलों की जांच करने वाली एजेंसी ने दिसंबर में उत्तरी कश्मीर के बारामुला जिले के सलामाबाद और जम्मू क्षेत्र के पुंछ जिले के चाकन-द-बाग के जरिए सीमा पार वस्तुओं के बदले अन्य वस्तुओं का व्यापार पर गौर करने का मामला दर्ज किया। अधिकारियों के अनुसार, आईआरएस के अधिकारी कुछ अलगाववादी समूह द्वारा घाटी में धन के स्रोत का पता लगाने तथा कथित बेनामी संपात्ति और लेन-देन का खुलासा करने में मदद करेंगे।
यह भी पढ़ें : आयकर विभाग ने कर सलाहकारों से कहा, एक समय में GST का एक ही पंजीकरण करें
उसने कहा कि हाल ही में वित्त मंत्रालय ने एक आईआरएस अधिकारी को NIA से जुड़ने की अनुमति दे दी। सीमा पार व्यापार से जुड़े मामलों की जांच के लिये यह प्रतिनियुक्ति शुरू में चार महीने के लिए की गयी है। ऐसी संभावना है कि कुछ और कर अधिकारी एजेंसी से जुड़ेंगे।