नई दिल्ली। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग विकास प्राधिकरण (एनएचएआई) ने मंगलवार को कहा कि उसने संरचनाओं में बड़ी खामियों से निपटने के लिए एक सख्त नीति तैयार की है, जिसके तहत गलती करने वालों पर 10 करोड़ रुपये तक जुर्माना लगाया जाएगा और साथ ही उस फर्म या व्यक्ति को तीन साल तक प्रतिबंधित किया जा सकता है। एनएचएआई के इस कदम का मकसद राजमार्गों के विकास में उच्च गुणवत्ता वाले मानकों को बनाए रखना है। एनएचएआई ने एक बयान में कहा कि राजमार्गों के विकास में खामियों से निपटने के लिए उसने ठेकेदारों द्वारा पुलों या संरचनाओं के ढांचे आदि के निर्माण मानकों में कोई चूक करने पर उनके खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई करने के लिए एक सख्त नीति जारी की है। नई नीति के तहत एनएचएआई ऐसे ठेकेदारों को तीन साल तक किसी भी एनएचएआई परियोजना के लिए प्रतिबंधित करने के अलावा 10 करोड़ रुपये तक का भारी जुर्माना लगा सकती है।
बीते साल ही केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा था कि भारत अगले दो साल में सड़क परिवहन में अमेरिका, ब्रिटेन और आस्ट्रेलिया जैसे विकसित देशों की कतार में आ जाएगा। उन्होंने कहा कि महत्वपूर्ण ढांचागत सुविधा के निर्माण पर समन्वित रुख के साथ जोर दिया जा रहा है। सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री गडकरी ने कहा कि देश के विभिन्न भागों में कई रणनीतिक सुरंग और पुल बनाये जा रहे हैं। इसके अलावा 3.10 लाख करोड़ रुपये की लागत से 22 ग्रीन एक्सप्रेसवे का निर्माण किया जा रहा है। इसमें से 7,500 किलोमीटर के राजमार्ग साल-दो साल में पूरे करने की योजना है। हालांकि कई बार काम की गुणवत्ता न होने या फिर तकनीकी गड़बड़ी होने की वजह से कई प्रोजेक्ट में देरी देखने को मिली है। हाल ही में एक सरकारी भवन के उद्घाटन में लगे लंबे वक्त पर गडकरी ने अधिकारियों को आड़े हाथ लेते हुए संकेत दिए थे कि काम को लेकर उन्हें सख्ती करने की जरूरत है।