नई दिल्ली। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) ने राष्ट्रीय परियोजनाओं के विकास, निर्माण, संचालन और रखरखाव के सभी चरणों के लिए ड्रोन से मासिक वीडियो रिकॉर्डिंग अनिवार्य कर दी है। एनएचएआई ने बुधवार को एक बयान में कहा कि ठेकेदारों को पर्यवेक्षण सलाहकार के टीम प्रमुख की मौजूदगी में ड्रोन से वीडियो रिकॉर्डिंग करनी होगी। उन्हें एनएचएआई पोर्टल 'डेटा लेक' पर वर्तमान और पिछले महीने के तुलनात्मक परियोजना वीडियो भी डालना होगा। उसने कहा कि पर्यवेक्षण सलाहकार इन वीडियो की समीक्षा करेंगे और परियोजना के विकास से संबंधित डिजिटल प्रगति रिपोर्ट्स पर सलाह-मशविरा दे सकेंगे।
एनएचएआई के अनुसार एनएचएआई के परियोजना निदेशक अनुबंध पर हस्ताक्षर करने की तिथि से साइट पर परियोजना के निर्माण की शुरुआत और परियोजना के पूरा होने तक मासिक ड्रोन सर्वेक्षण करेंगे। एनएचएआई उन सभी विकसित परियोजनाओं के मासिक ड्रोन सर्वेक्षण भी करेगा जहां संचालन और रखरखाव की जिम्मेदारी एनएचएआई की है। यह सभी वीडियो डाटा लेक में रखी जाएंगी और इनका मध्यस्थ न्यायाधिकरणों और अदालतों के समक्ष विवाद समाधान प्रक्रिया के दौरान सबूत के रूप में भी इस्तेमाल किया जाएगा। उसने इसके अलावा गुणवत्ता बढ़ाने के लिए राष्ट्रीय राजमार्गों पर सड़क की स्थिति के सर्वेक्षण के लिए नेटवर्क सर्वेक्षण वाहन (एनएसवी) की तैनाती को भी अनिवार्य कर दिया गया है।
माना जा रहा है कि आधुनिक ड्रोन तकनीक के साथ एनएचएआई तेज और सटीक सर्वेक्षणों की मदद से परियोजनाओं की समय पर और बिना किसी गलती से पूरा करने का लक्ष्य लेकर चल रही है। पिछले कुछ दिनों से देश में ड्रोन से सर्वे काफी आम हो रहे हैं। सरकार गांवों के आवासों के आंकड़े जुटाने के लिये भी ड्रोन का इस्तेमाल कर रही है, इससे गांव में रहने वालों को उनके आवास के लिए आधिकारिक दस्तावेज सौंपे जा सकें।
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