नई दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक ने नीतिगत ब्याज दर को पूर्वस्तर पर रखकर बाजार को हैरत में डाल दिया है। एक अमेरिकी ब्रोक्ररेज फर्म ने कहा कि नीतिगत दर में अगली कटौती में प्याज की बहुत अधिक भूमिका होगी। प्याज के दाम पिछले कुछ हफ्तों से आसमान छू रहे हैं और कुछ बाजार में यह 200 रुपए प्रति किलो से ऊपर चला गया है। प्याज को राजनीतिक रूप से बहुत ही संवेदनशील माना जाता है।
बैंक ऑफ अमेरिका सिक्योरिटीज के अर्थशास्त्रियों ने एक नोट में कहा है कि हम निवेशकों को सलाह दे रहे हैं कि आरबीआई की ओर से नीतिगत दर में अगली कटौती के लिए प्याज की कीमतों पर नजर रखें। इसमें कहा गया है कि दिसंबर में प्याज के दाम में सालाना आधार पर 371 प्रतिशत का उछाल आया है। नवंबर में यह 177 प्रतिशत था।
यदि प्याज दिसंबर में 60 रुपए किलो और जनवरी में 40 रुपए हो जाता है तो मुद्रास्फीति दिसंबर में 5.9 प्रतिशत और जनवरी में गिरकर 5.4 प्रतिशत पर आ जानी चाहिए, लेकिन यदि आयातित प्याज की आवक होने से जनवरी में प्याज 60 रुपए पर रहती है तो इस महीने मुद्रास्फीति 6.1 प्रतिशत पर रह सकती है। हालांकि, नोट में कहा गया है कि यह फरवरी में होने वाली मौद्रिक नीति बैठक में नीतिगत दर में कटौती के लिए आधार होगा।
अगले हफ्ते से कोलकाता में प्याज 100 रुपए से नीचे आने की उम्मीद
कोलकाता में अगले हफ्ते से प्याज की कीमत 100 रुपए प्रति किलो से नीचे आने की उम्मीद है। वर्तमान में यहां प्याज का खुदरा भाव 150 रुपए प्रति किलो तक चल रहा है। प्याज कारोबारियों का कहना है कि अगले हफ्ते से बाजार में प्याज की नई फसल की आवक शुरू होने और आयातित प्याज भी यहां पहुंचने से आपूर्ति में सुधार होगा।
मंगलवार को महाराष्ट्र के नासिक में प्याज का थोक भाव 55 रुपए प्रति किलो बोला गया। वहीं कई बड़े शहरों में प्याज का भाव लगातार दूसरे सप्ताह ऊंचा बना रहा। मंगलवार को ज्यादातर जगहों पर भाव औसतन 100 रुपए किलो से ऊपर चल रहे थे।
आधिकारिक आंकड़े के अनुसार पणजी में प्याज का भाव सर्वाधिक 165 रुपए किलो रहा। वहीं देश के 114 बड़े शहरों में औसत कीमत 100 रुपए किलो से ऊपर रही। प्याज के दाम में सितंबर से तेजी आनी शुरू हुई और 25 नवंबर से औसतन 100 रुपए किलो से ऊपर बनी हुई है। आंकड़े के अनुसार राष्ट्रीय राजधानी में प्याज का भाव 96 रुपए किलो, मुंबई में 102 रुपए किलो, चेन्नई में 100 रुपए और कोलकाता में 140 रुपए किलो पर पहुंच गया।