नई दिल्ली। सार्वजनिक बैंकों में बढ़ते एनपीए को कम करने के लिए आरबीआई द्वारा चिन्हित किए गए 12 बड़े लोन डिफॉल्टर्स में से तीन ऐसे डिफॉल्टर हैं, जिन पर एक लाख करोड़ रुपए से अधिक का कर्ज बकाया है। बैंकों ने इन तीन कंपनियों को अपनी लिस्ट में शामिल किया है, जिनसे पहले रिकवरी की जानी है। यह तीनों कंपनियां स्टील सेक्टर की हैं।
भारतीय स्टेट बैंक की अगुवाई वाले बैंकों के कंसोर्टियम ने आरबीआई द्वारा चिन्हित किए गए 12 बड़े डिफॉल्टर्स में से सबसे पहले इन तीन कंपनियों से वसूली प्रक्रिया शुरू करने की योजना बनाई है। इन तीनों स्टील कंपनियों को दिए गए लोन में एसबीआई लीड बैंक है। बैंक ने ज्वाइंट लेंडर्स फोरम (जेएलएफ) की बैठक बुलाई थी। एसबीआई के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि बैंक जल्द ही कंसोर्टियम से इन कंपनियों के खिलाफ कॉरपोरेट इनसोल्वेंसी फाइल करने की मंजूरी मांगेगा।
एस्सार स्टील पर बैंकों का 45,000 करोड़ रुपए, भूषण स्टील पर 47,000 करोड़ रुपए और इलेक्ट्रोस्टील स्टील पर 11,000 करोड़ रुपए का कर्ज बकाया है। इन बकाएदारों के खिलाफ सख्त कार्रवाई कर समाधान निकालने के लिए बैंक बैठक कर रहे हैं। बैंकों के कुल एनपीए में स्टील सेक्टर की हिस्सेदारी 20 से 30 प्रतिशत है। स्टील सेक्टर के कुल एनपीए में इन पांच कंपनियों का 50 से 80 प्रतिशत हिस्सा है।