नई दिल्ली। भारत का उत्तर पूर्व इलाका अब विकास के साथ-साथ नए ट्रेंड का भी जनक बन रहा है। उत्तर पूर्वी क्षेत्र विकास मंत्री डा. जितेंद्र सिंह ने 11 घंटे पहले अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर एक वीडियो शेयर किया है। हैशटैग न्यूनॉर्थईस्ट का उपयोग कर उन्होंने लिखा है, मिजोरम सेल्फ शॉपिंग में नए ट्रेंड का रास्ता दिखा रहा है। जब पूरी दुनिया में कोरोना वायरस की वजह से सोशल डिस्टेंसिंग का पालन अनिवार्य किया जा रहा है, वहीं मिजोरम के गरीब किसान इस प्रथा को वर्षों से अपनाते आ रहे हैं।
ट्वीटर पर डाले गए इस वीडियो में मिजोरम के गरीब किसानों की कहानी को बयां तो करता ही है साथ ही सेल्फ शॉपिंग के लिए एक नया जरिया भी बताता है। मिजोरम की ये दुकानें सीसीटीवी के इस युग में ईमानदारी और सच्चाई की एक मिसाल हैं। आज जहां ऐसी दुकानें मिलना असंभव है, जहां सीसीटीवी कैमरे न लगे हों, वहीं दूसरी तरफ मिजोरम में बिना दुकानदार वाली दुकानें पाई जाती हैं। नाह लौ डौर के नाम से लोकप्रिय इन दुकानों में फल-सब्जियां, फलों के रस और छोटी मछलियां बेची जाती हैं।
इन दुकानों पर प्रत्येक वस्तु के बगल में उसका बिक्री मूल्य लिखकर एक पर्ची चिपका दी जाती है और साथ में ही एक छोटा डिब्बा या कटोरी रख दी जाती है। दुकानों पर आने वाले लोग अपनी जरूरत के मुताबिक इन दुकानों से सामान लेकर उसका सही दाम डिब्बे या कटोरी में रख देते हैं।
इन दुकानों के मालिक गरीब किसान होते हैं, जो अपने खेतों की उपज यहां बेचते हैं। ये किसान अपना गुजारा करने के लिए दुकान के साथ-साथ खेती भी करते हैं। ऐसे में न तो वे खुद दुकान पर बैठ सकते हैं और न ही नौकर रख सकते हैं।
आश्चर्य की बात यह है कि आजतक इन दुकानों पर कभी चोरी नहीं हुई है। सीसीटीवी के इस युग में मिजोरम की ये दुकानें सच्चाई और ईमानदारी की मिसाल हैं। साथ ही सोशल डिस्टेंसिंग का अनूठा उदाहरण भी। इस वीडियो को अबतक 9474 लोग देख चुके हैं। एक ट्विटर यूजर ने लिखा है कि हिंदुस्तान में ऐसी दुकानें देखकर बड़ा आश्चर्य होता है कि मितने अच्छे लोग होंगे यह, हम भगवान से दुआएं करते हैं ऐसे लोग सारे हिंदुस्तान में हों तो देश को आगे बढ़ने से कौन रोक सकता है।