नई दिल्ली। वर्ल्ड बैंक द्वारा वित्त वर्ष 2016-17 के लिए जारी की गई डूइंग बिजनेस-2018 लिस्ट में ईज ऑफ डूइंग बिजनेस रैंकिंग में न्यूजीलैंड लगातार दूसरे साल नंबर वन पोजीशन हासिल करने में सफल रहा है। वहीं दूसरे स्थान पर सिंगापुर ने अपना दबदबा भी लगातार कायम रखा है। इस बार भारत ने भी अपने कई महत्वपूर्ण सुधारों के साथ इस रैंकिंग में 30 पायदान का सुधार कर टॉप-100 में जगह बनाने में सफलता पाई है। इस बार की लिस्ट में भारत का दुनिया में 100वां स्थान है।
ये हैं टॉप-40 देश की रैंकिंग
ईज ऑफ डूइंग बिजनेस रैंकिंग में कवर होते हैं ये 11 क्षेत्र
वर्ल्ड बैंक हर साल ईज ऑफ डूइंग बिजनेस की लिस्ट जारी करता है, जिसमें दुनियाभर के 190 देशों को शामिल किया जाता है। वर्ल्ड बैंक पिछले 15 सालों से इस लिस्ट को जारी कर रहा है। ताजा 15वीं रिपोर्ट में सभी 190 देशों के बिजनेस रेगूलेशन के 11 क्षेत्रों के आधार पर रैंकिंग प्रदान की गई है। ऐसे 10 क्षेत्र हैं- बिजनेस शुरू करना, निर्माण मंजूरियां हासिल करना, बिजली कनेक्शन की प्रक्रिया और मिलने में लगने वाला समय, प्रॉपर्टी का रजिस्ट्रेशन, लोन मिलना, अल्पसंख्यक निवेशकों की सुरक्षा, टैक्स का भुगतान, सीमाओं के पार व्यापार, कॉन्ट्रैक्ट्स को लागू करना और दिवालिएपन का समाधान करना। इसके अलावा 11वां क्षेत्र है लेबर मार्केट रेगूलेशन के फीचर्स, इसे डिस्टेंश टू फ्रंटियर स्कोर और ईज ऑफ डूइंग बिजनेस रैंकिंग में शामिल नहीं किया जाता है।
न्यूजीलैंड में इसलिए बिजनेस करना है बहुत आसान
न्यूजीलैंड ने विदेशी प्रत्यक्ष निवेश का स्वागत करने के लिए अपने दरवाजे पूरी तरह से खोल रखे हैं। यहां निवेशकों को इनसेंटिव, रिवार्ड और एक स्थिर बिजनेस माहौल उपलब्ध कराया जाता है। यहां निवेशकों की सुरक्षा के सबसे बेहतर इंतजाम हैं। न्यूजीलैंड में भ्रष्टाचार न के बराबर है। ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल करप्शन इंडेक्स2012 में भ्रष्टाचार की कमी के मामले में न्यूजीलैंड को पहले स्थान पर रखा गया था। पब्लिक सेक्टर में ईमानदारी और अखंडता के लिए एंटी-करप्शन एनजीओ ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल ने न्यूजीलैंड को 2012 में शीर्ष स्थान पर रखा था। न्यूजीलैंड के कुशल मौद्रिक और वित्तीय प्रोत्साहन, बेहतर कॉरपोरेट वातावरण और व्यापार संबंधों की वजह से दुनियाभर में यह लोगों के लिए बिजनेस करने के लिए सबसे पसंदीदा जगह है।
घरेलूरूप से टैक्स सिस्टम बहुत आसान है क्योंकि शीर्ष दर यहां सभी के लिए समान है। यहां कोई पेरोल टैक्स, सामाजिक सुरक्षा टैक्स (2007 में पेश किया गया कीवीसेवर स्वैच्छिक है) और कैपिटल गेन टैक्स नहीं देना होता है। कई प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं के साथ मुक्त व्यापार समझौतों की विस्तृत श्रृंखला और प्रतिस्पर्धा समर्थक विनियमन एशिया प्रशांत क्षेत्र में विस्तार के लिए न्यूजीलैंड को एक आदर्श आधार बनाता है।