नई दिल्ली। कैशलेस इकोनॉमी की ओर एक कदम और बढ़ाते हुए सरकार ने वाहन निर्माता कंपनियों से कहा है कि वह कार समेत सभी नए वाहनों में डिजिटल पहचान टैग की सुविधा उपलब्ध कराएं। ताकि सभी टोल प्लाजा पर इलेक्ट्रॉनिक भुगतान हो सके और लंबे जाम की स्थिति से मुक्ति मिल सके।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 500 और 1000 रुपए के पुराने नोटों को चलन से बाहर करने के पीछे की मंशा भी यही है कि देश को नकदी रहित डिजिटल अर्थव्यवस्था की ओर बढ़ाया जाए। एक ऐसे देश में जहां अधिकतर ग्राहक नकदी में लेनदेन करते हैं वहां पर सरकार इलेक्ट्रॉनिक लेनदेन को बढ़ावा देने की कोशिश कर रही है ताकि बेहतर पारदर्शिता और कालेधन पर अंकुश लगाया जा सके।
आर्थिक मामलों के सचिव शक्तिकांत दास ने कहा,
जहां तक सभी टोल बूथों का सवाल है, सड़क, परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने वाहन विनिर्माताओं से कहा है कि सभी नए वाहनों में विनिर्माता रेडियो आवृत्ति पहचान (आरएफआईडी) की सुविधा उपलब्ध कराएं। सभी नए वाहनों पर इलेक्ट्रॉनिक प्रोडक्ट कोड ग्लोबल इनकोरपोरेटेड (ईपीसीजी) से संबंद्ध आरएफआईडी सुविधा शुरू होने से टोल बूथों पर डिजिटल भुगतान सुनिश्चित होगा और वहां लंबी प्रतीक्षा का समय भी कम होगा। इसके अलावा वाहन तेजी से टोल बूथों से गुजर सकेंगे।
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- दास ने कहा कि इससे टोल बूथों पर कार्यप्रणाली बेहतर होगी और डिजिटल भुगतान बढ़ेगा।
- नोटबंदी के बाद नकदी संकट को देखते हुए सरकार ने सभी राष्ट्रीय राजमार्गों पर 28 नवंबर तक टोल से छूट दी हुई है।
- आरएफआईडी टैग यह सुनिश्चित करेगा कि वाहन टोल टैक्स बूथ से बिना रुक निकल सके।
- टोल टैक्स आरएफआईडी कार्ड से ऑटोमैटिक तरीके से कट जाएगा। आगे उपयोग के लिए इस कार्ड को रिचार्ज कराया जा सकेगा।
- सभी सरकारी कार्यालयों को निर्देश दिया गया है कि वह सभी प्रतिभागी, ठेकेदारों और कर्मचारियों को डिजिट पेमेंट के जरिये भुगतान सुनिश्चित करें।