नई दिल्ली। दूरसंचार सचिव अरुणा सुंदरराजन ने कहा कि नई दूरसंचार नीति अगले महीने आ सकती है। यहां संवाददाताओं से उन्होंने कहा कि हम इस (दूरसंचार नीति) को चार हफ्ते में मंत्रिमंडल के समक्ष रखना चाहते हैं। दो सप्ताह इस पर टीका टिप्पणी के लिए दिए जाएंगे। इसके बाद सप्ताह भर में इसे अंतिम रूप देकर इसे मंत्रिमंडल के समक्ष रखा जाएगा। उन्होंने कहा कि नीति जून में जा जाएगी।
दूरसंचार विभाग नई दूरसंचार नीति का मसौदा पहले ही जारी कर चुकी है। नीति के मसौदे में अगले चार साल में देश में सभी के लिए 50 एमबीपीएस स्पीड वाले ब्रॉडबैंड सुलभ बनाने तथा 5 जी मोबाइल तथा दूरसंचार क्षेत्र में 40 लाख नए रोजगारों का लक्ष्य रखा गया है। नीति में कर्ज बोझ से दबे घरेलू दूरसंचार क्षेत्र में नई जान फूंकने के लिए स्पेक्ट्रम शुल्क सहित अन्य शुल्कों को तर्कसंगत बनाने का वादा भी किया गया है। प्रस्तावित नीति को राष्ट्रीय डिजिटल संचार नीति 2018 नाम दिया गया है।
दूरसंचार कंपनियों का कारोबार 8.6 प्रतिशत घटा
दूरसंचार कंपनियों का सकल कारोबार 2017 में 8.56 करोड़ रुपए घटकर 2.55 लाख करोड़ रुपए रह गया। इससे सरकार को लाइसेंस शुल्क व स्पेक्ट्रम उपयोक्ता शुल्कों के रूप में मिलने वाले पैसे में भी गिरावट दर्ज की गई। भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के आंकड़ों के अनुसार देश के दूरसंचार क्षेत्र का सकल कारोबार 2016 में 2.79 लाख करोड़ रुपए रहा था।
इसके अनुसार 2017 में लाइसेंस शुल्क से सरकार का कुल संग्रहण 18.78 प्रतिशत घटा जबकि स्पेक्ट्रम उपयोक्ता शुल्क से संग्रहण में 32.81 प्रतिशत गिरावट आई।
ट्राई की रिपोर्ट के अनुसार,‘ भारत में दूरसंचार ग्राहकों की संख्या दिसंबर 2016 के आखिर मे 115.178 करोड़ थी, जो दिसंबर 2017 तक बढ़कर 119.067 करोड़ हो गई। सालाना आधार पर इसमें 3.38 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई।