नई दिल्ली। 1 अक्टूबर 2019 से देशभर में कई नए नियम लागू हो जाएंगे, जिसका आम आदमी की जेब पर सीधा असर पड़ेगा। बैंकिंग, ट्रांसपोर्टिंग, जीएसटी रेट, कॉर्पोरेट टैक्स, प्लास्टिक के प्रयोग समेत कई चीजें बदल जाएंगी। इसके अलावा रसोई गैस की कीमतों में भी इसी दिन बदलाव किया जाएगा। अगर आपने समय रहते इन नियमों पर ध्यान नहीं दिया तो आपका नुकसान होना तय है। आप भी जानिए कि नए नियमों के बारे में जो 1 अक्टूबर 2019 से लागू हो जाएंगे।
बदल जाएगा ड्राइविंग लाइसेंस और गाड़ी की आरसी
सबसे पहले बात ट्रांसपोर्टिंग सिस्टम की करें तो बदलते ट्रैफिक नियमों के साथ अब 1 अक्टूबर 2019 से आपका ड्राइविंग लाइसेंस (डीएल) बनवाने का नियम बदल जाएगा। नए नियम के तहत आपको अपना ड्राइविंग लाइसेंस अपडेट कराना होगा। हालांकि इसके लिए पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन होगी। साथ में गाड़ी का रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट (RC) के साथ ड्राइविंग लाइसेंस कानूनी रूप से जरूरी है, नए नियम के लागू होने के बाद ड्राइविंग लाइसेंस और रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट का का रूप-रंग बदल जाएगा। नए नियम के लागू होने क बाद ड्राइविंग लाइसेंस और आरसी में माइक्रोचिप के अलावा क्यूआर कोड दिए जाएंगे।
भारतीय स्टेट बैंक में होगा ये बदलाव
देश के सबसे बड़े सरकारी बैंक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसीबीआई) भी एक अक्टूबर से नया नियम लागू करने जा रहा है। नए नियम के तहत बैंक की तरफ से निर्धारित मंथली एवरेज बैलेंस (MAB) को मेंटेन नहीं करने पर जुर्माने में 80 प्रतिशत तक की कमी आ जाएगी। अभी आपका बैंक अकाउंट अगर मेट्रो सिटी और शहरी इलाके की शाखा में है, तो आपको खाते में एवरेज मंथली बैलेंस क्रमश: 5,000 रुपए और 3,000 रुपए रखना होता है। इसके अलावा 1 अक्टूबर 2019 से एसबीआई के ग्राहक मेट्रो शहरों के एसबीआई एटीएम में से मैक्सिमम 10 बार फ्री डेबिट ट्रांजेक्शन कर सकेंगे, अभी यह लिमिट 6 ट्रांजेक्शन की है। जबकि, अन्य शहरों के एटीएम से मैक्सिसम 12 फ्री ट्रांजेक्शन किया जा सकेगा।
ओबीसी में होगा ये बदलाव
ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स (OBC) ने रेपो रेट से लिंक्ड नए रिटेल व एमएसई लोन प्रॉडक्ट लॉन्च किए हैं। ये लोन 1 अक्टूबर 2019 से उपलब्ध होंगे। एमएसई और रिटेल लोन के तहत ओबीसी द्वारा दिए जाने वाले सभी नए फ्लोटिंग रेट लोन रेपो रेट से जुड़ी ब्याज दर पर मिलेंगे। इन नए प्रॉडक्ट्स में रेपो रेट से लिंक्ड होम लोन की ब्याज दर 8.35 फीसदी से शुरू होगी, जबकि एमएसई के लिए लोन की ब्याज दर 8.65 फीसदी से शुरू होगी।
होम और ऑटो लोन होंगे सस्ते
भारतीय रिजर्व बैंक के रेपो रेट में कटौती का लाभ ग्राहकों तक पहुंचाने के लिए एसबीआई, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया, पंजाब नेशनल बैंक, इंडियन बैंक समेत निजी क्षेत्र के फेडरल बैक ने 1 अक्टूबर 2019 से अपनी खुदरा कर्ज की ब्याज दरों को रेपो रेट से जोड़ने का फैसला किया है। इससे बैंक ग्राहकों को करीब 0.30 प्रतिशत तक सस्ती दरों पर होम और ऑटो लोन मिल सकेगा। बता दें कि अभी तक सभी बैंक एमसीएलआर पर आधारित ब्याज दर से कर्ज देते हैं।
पेट्रोल-डीजल खरीदने पर नहीं मिलेगा कैशबैक
एसबीआई क्रेडिट कार्ड से पेट्रोल-डीजल खरीदने पर अब आपको 0.75 फीसदी कैशबैक नहीं मिलेगा। नियम लागू होने से पहले ही एसबीआई अपने ग्राहकों को मैसेज भेजकर बता रहा है कि वह 1 अक्टूबर 2019 से इसे बंद करने जा रहा है। बता दें कि अभी तक एसबीआई के क्रेडिट कार्ड के जरिए पेट्रोल-डीजल खरीदने पर ग्राहकों को 0.75 प्रतिशत कैशबैक मिलता था। लेकिन अब एचपीसीएल, बीपीसीएल और आईओसी ने कैशबैक स्कीम को वापस लेने का निर्देश दिया है।
कई चीजों पर कम हो जाएगी जीएसटी दर
जीएसटी काउंसिल की गोवा में 20 सिंतबर को हुई 37वीं बैठक में कई चीजों से टैक्स का बोझ कम किया गया है। एक अक्टूबर 2019 से कई चीजों पर जीएसटी की दरें कम हो जाएंगी। अब 1000 रुपए तक किराए वाले होटल पर टैक्स नहीं लगेगा। वहीं, इसके बाद 7500 रुपए तक टैरिफ वाले रूम के किराए पर अब सिर्फ 12 प्रतिशत जीएसटी देना होगा। इसके अलावा जीएसटी काउंसिल ने 10 से 13 सीटों तक के पेट्रोल-डीजल वाहनों पर सेस को घटा दिया गया है। काउंसिल ने स्लाइड फास्टनर्स (जिप) पर जीएसटी को 12 फीसदी कर दिया है।
जीएसटी रिटर्न का नया फॉर्म लागू
5 करोड़ सालाना से ज्यादा टर्नओवर वाले कारोबारियों के लिए जीएसटी रिटर्न का फॉर्म 1 अक्टूबर 2019 से बदल जाएगा। ऐसे कारोबारियों को अनिवार्य रूप से जीएटी एएनएक्स-1 फॉर्म भरना होगा, जो जीएसटीआर-1 की जगह लेगा। छोटे कारोबारियों के लिए इस फॉर्म को जनवरी 2020 से अनिवार्य बनाया जाएगा। बड़े करदाता फिलहाल अक्टूबर और नवंबर माह के लिए जीएसटीआर 3बी फॉर्म भरते रहेंगे।
इन चीजों पर बढ़ जाएगा जीएसटी
रेल गाड़ी के सवारी डिब्बे और वैगन पर जीएसटी की दर को 5 फीसदी से बढ़ाकर 12 फीसदी कर दिया गया है। पेय पदार्थों पर जीएसटी की वर्तमान 18 फीसदी की दर की जगह 28 फीसदी की दर से टैक्स और 12 फीसदी का अतिरिक्त सेस लगाया गया है।
कॉरपोरेट टैक्स में कटौती
वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने बीते 20 सितंबर को कॉरपोरेट टैक्स में बड़ी कटौती की घोषणा करते हुए इसे 30 फीसदी से घटाकर 22 फीसदी कर दिया था। इसके पहले भारतीय कंपनियों को 30 फीसदी टैक्स के अलावा सरचार्ज देना पड़ता था, जबकि विदेशी कंपनियों को 40 फीसदी टैक्स देना पड़ता था। वित्त मंत्री की इस घोषणा के मुताबिक, 1 अक्टूबर 2019 के बाद सेटअप किए गए मैन्युफैक्चरिंग कंपनियों के पास 15 फीसदी टैक्स भरने का विकल्प होगा। इसके बाद इन कंपनियों पर सरचार्ज और टैक्स समेत कुल चार्ज 17.01 फीसदी हो जाएगा।
2 अक्टूबर से सिंगल यूज प्लास्टिक पर बैन
2 अक्टूबर 2019 (150वीं गांधी जयंती) से सरकार देशभर में प्लास्टिक से बने प्रोडक्ट के इस्तेमाल पर पाबंदी से जुड़ा अभियान शुरू करेगी। बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए सरकार सिंगल यूज प्लास्टिक पर प्रतिबंध लगाने की तैयारी कर रही है। सरकार के इस कदम से कई नए बिजनेस शुरू करने के ऑप्शन्स भी खुलेंगे।
बदल जाएगी पेंशन पॉलिसी
1 अक्टूबर 2019 से मोदी सरकार केंद्रीय कर्मचारियों और रक्षा विभाग से जुड़े कर्मियों के लिए पेंशन पॉलिसी में बदलाव करने जा रही है। नए नियम के तहत अगर किसी कर्मचारी की सर्विस को 7 साल पूरे हो गए हैं और उसकी मृत्यू हो जाती है तो उसके परिजनों को बढ़े हुए पेंशन का फायदा मिलेगा। मोदी सरकार ने इसके लिए नोटिफिकेशन जारी कर दिया है। बता दें कि अभी तक ऐसी स्थिति में आखिरी वेतन के 50 फीसदी के हिसाब से पेंशन मिलती थी, लेकिन अब 7 साल से कम की सर्विस में भी कर्मचारी की मृत्यु होने पर परिजन बढ़ी हुए पेंशन के लिए एलिजिबल होंगे।