मुंबई। संकटग्रसत इंफ्रास्ट्रक्चर लीजिंग एंड फाइनेंस सर्विसेस (आईएलएंडएफएस) लिमिटेड के नवगठित निदेशक मंडल की पहली बैठक संभवत: गुरुवार को हो सकती है। सरकारी सूत्रों ने बताया कि इस बैठक में कंपनी के लिए पुनरोद्धार योजना पर विचार किया जाएगा।
सरकार ने सोमवार को कर्ज के बोझ से दबी इस कंपनी का नियंत्रण सत्यम कम्प्यूटर की तर्ज पर अपने हाथ में ले लिया है। सरकार ने कंपनी के पुराने निदेशक मंडल को हटाकर बैंकर उदय कोटक की अगुवाई में नया बोर्ड बनाया है। बोर्ड के अन्य सदस्यों में सेबी के पूर्व चेयरमेन जी एन बाजपेयी, आईसीआईसीआई बैंक के गैर कार्यकारी चेयरमैन जीसी चतुर्वेदी, आईएएस और जहाजरानी महानिदेशक मालिनी शंकर और विनीत नायर तथा वरिष्ठ ऑडिटर नंदकिशोर शामिल हैं। विनीत नायर को सत्यम कम्प्यूटर के पुनरोद्धार का श्रेय जाता है।
वित्त मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा कि बोर्ड की प्राथमिकता कंपनी की वित्तीय स्थिति का आकलन करना और अगले 15 दिन में इसकी जानकारी सरकार को देने की होगी। एक अन्य सूत्र ने कहा कि बोर्ड संपत्तियों की बिक्री के जरिये नकदी जुटाने पर भी ध्यान देगा। बताया जाता है कि कंपनी के ऋणदाताओं को भी बोर्ड बैठक के नतीजों का इंतजार है। उसी के बाद वे कंपनी को और कर्ज देने पर विचार कर सकते हैं।
मोइली ने 30 अक्टूबर को बुलाई संसदीय समिति की बैठक
कांग्रेस नेता वीरप्पा मोइली की अगुवाई वाली संसद की एक समिति आगामी 30 अक्टूबर को मुंबई में बैठक करेगी। इस बैठक में कर्ज के बोझ से दबी आईएलएंडएफएस से संबंधित घटनाक्रमों पर विचार किया जाएगा और दो माह में इस पर रिपोर्ट को अंतिम रूप दिया जाएगा।
मोइली ने बुधवार को कहा कि संसद की वित्त पर स्थायी समिति ने एलआईसी और एसबीआई के प्रतिनिधियों तथा कंपनी के मौजूदा प्रबंधन को उसके समक्ष पेश होने को कहा है। एलआईसी और एसबीआई इसमें शेयरधारक भी हैं।