नई दिल्ली। सरकार ने थोक मूल्य सूचकांक (WPI) और औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (IIP) का आधार वर्ष बदलकर 2011-12 कर दिया है। इनके लिए पहले आधार वर्ष 2004-05 था। नए आधार वर्ष के तहत शुक्रवार को सरकार ने पहली बार मार्च 2017 के लिए औद्योगिक उत्पादन के आंकड़े और अप्रैल 2017 के थोक महंगाई के आंकड़े जारी किए हैं।
मार्च में आईआईपी वृद्धि दर 2.7 प्रतिशत रही
वहीं दूसरी ओर पुरानी शृंखला आधार वर्ष 2004-05 के आधार पर आईआईपी वृद्धि दर मार्च में 2.5 प्रतिशत रही, जो कि एक साल पहले 0.3 प्रतिशत थी। इसी तरह 2016-17 के लिए आंकड़ा 0.7 प्रतिशत रहा, जो पूर्व वित्त वर्ष में 2.4 प्रतिशत था। नए आधार वर्ष के अनुसार आंकड़ों के तहत विनिर्माण क्षेत्र का उत्पादन मार्च में 1.2 प्रतिशत बढ़ा। बिजली उत्पादन की वृद्धि दर 6.2 प्रतिशत, खनन क्षेत्र की वृद्धि दर 9.7 प्रतिशत रही।
अप्रैल में थोक मुद्रास्फीति घटकर 3.85 प्रतिशत
खाद्य व विनिर्माण उत्पादों की कीमतों में नरमी के चलते अप्रैल महीने में थोक मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति चार महीने के निचले स्तर 3.85 प्रतिशत पर रही। नई श्रृंखला वाले थोक मूल्य सूचकांक समूह में कुल 697 जिंसों को शामिल किया गया है। इनमें 117 प्राथमिक जिंस, 16 ईंधन व बिजली तथा 564 विनिर्माण उत्पाद हैं।
नए आधार पर मुद्रास्फीति मार्च में 5.29 प्रतिशत, फरवरी में 5.51 प्रतिशत, जनवरी में 4.26 प्रतिशत, दिसंबर 2016 में 2.10 प्रतिशत व नवंबर 2016 में 1.82 प्रतिशत रही। अप्रैल में खाद्य वस्तुओं की मुद्रास्फीति 1.16 प्रतिशत रही, जो कि मार्च में 3.82 प्रतिशत थी।
खुदरा मुद्रास्फीति अप्रैल में घटकर 2.99 प्रतिशत
दालों और सब्जियों सहित खाद्य वस्तुओं की कीमतों में गिरावट से खुदरा मुद्रास्फीति अप्रैल में घटकर 2.99 प्रतिशत रह गई। मार्च में यह 3.89 प्रतिशत के स्तर पर थी।
मार्च, 2017 के उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित खुदरा मुद्रास्फीति संशोधित होकर 3.89 प्रतिशत पर पहुंच गई, जबकि इससे पहले यह 3.81 प्रतिशत दर्ज की गई थी। उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति एक साल पहले अप्रैल में 5.47 प्रतिशत थी।