नई दिल्ली। भारतीय मेडटेक स्टार्टअप न्यूरोइक्विलिब्रियम (NeuroEquilibrum) ने घोषणा की है कि उसने अपने इनोवेटिव डायग्नोस्टिक प्रोडक्ट्स के लिए यूरोपीय सीई मार्क रेगुलेटर से अप्रूवल हासिल कर लिया है। न्यूरोइक्विलिब्रियम चक्कर आने और बैलेंस से जुड़े विकारों को दूर करने वाले क्लीनिक की दुनिया की पहली चेन है, जिसने अपने पेटेंट डायग्नोस्टिक इक्विपमेंट के लिए यूरोपीय सीई सर्टिफिकेशन हासिल किया है। यह सर्टिफिकेशन उसे यूरोप और दुनिया के अधिकांश हिस्सों में अपनी सेवाएं प्रदान करने की अनुमति देता है। अब न्यूरोइक्विलिब्रियम ने 2023 तक वैश्विक स्तर पर 1,000 अस्पतालों में अपनी एडवांस चक्कर और बैलेंस लैब सर्विसेस का विस्तार करने की योजना बनाई है।
भारत में मेडिकल डिवाइस का बाजार 11 अरब अमेरिकी डॉलर का है। इसमें भी स्वदेशी डिवाइस मैन्युफैक्चरिंग सीमित है और इस मार्केट में इम्पोर्टेड आइटम्स की हिस्सेदारी 80 प्रतिशत से अधिक है। एक्सपोर्ट मार्केट सिर्फ 2.5 अरब अमेरिकी डॉलर का है, लेकिन अगले पांच साल में इसके तेजी से बढ़ने की उम्मीद है। न्यूरोइक्विलिब्रियम के संस्थापक डॉ. अनीता भंडारी और रजनीश भंडारी ने सुपर-स्पेशलिटी हेल्थकेयर के लिए डीपटेक रिमोट डायग्नोसिस प्लेटफॉर्म का उपयोग करने वाले डिजीनेस और बैलेंस डिसऑर्डर क्लीनिक की दुनिया की पहली चेन को इनोवेट करने और स्थापित करने के लिए रिसर्च में कई साल बिताए हैं।
न्यूरोइक्विलिब्रियम के संस्थापक और आईआईटी के पूर्व छात्र होने के साथ ही रजनीश भंडारी सीरियल आंत्रप्रेन्योर भी हैं। उन्होंने कहा कि न्यूरोइक्विलिब्रियम की पेटेंट और इनोवेटिव टेक्नोलॉजी को भारत में छठा पेटेंट और संयुक्त राज्य अमेरिका में दूसरा पेटेंट मिलने के साथ ही हमारी उपलब्धियों की फेहरिस्त लंबी होती जा रही है। यह एक ट्रेंड रिवर्सल है। भारतीय कंपनियां इम्पोर्टेड प्रोडक्ट्स और सॉल्युशन की तलाश में रहती थीं, लेकिन अब भारतीय इनोवेटर ग्लोबल हो रहे हैं और अनूठे और नए मेडटेक प्रोडक्ट्स और सॉल्युशन को दुनियाभर में उपलब्ध करा रहे हैं।
मेडिकल टेक्नोलॉजी इनोवेशन प्रोडक्ट या डिलीवरी की लागत को कम करके स्वास्थ्य देखभाल को किफायती और सुलभ बनाने का साधन बन सकता है। कंपनी ने भारतभर के 50 शहरों और यूरोप के कुछ केंद्रों में 150 से अधिक अस्पतालों में डिजीनेस और बैलेंस डिसऑर्डर क्लीनिक स्थापित किए हैं। यह कंप्यूटर विज़न और मशीन लर्निंग की सहायता से सुपर-स्पेशलिस्ट डॉक्टरों द्वारा रिमोट डायग्नोस्टिक सर्विसेस प्रदान करता है। हाल ही में न्यूरोइक्विलिब्रियम ने एम्स दिल्ली, एम्स रायपुर और इसरो जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों को अपनी वर्टिगो और डिजीनेस लैब सप्लाई की है, जो डिजीनेस और बैलेंस डिसऑर्डर से पीड़ित आम आदमी की मदद करेगा।