नई दिल्ली। मैगी से बैन हटने के बाद नेस्ले इंडिया ने मैगी की जबर्दस्त वापसी की तैयारी शुरू कर दी है। कंपनी ने भारत में अपने सभी पांच नूडल्स प्लांट्स में मैगी का उत्पादन शुरू कर दिया है। पांच महीने के प्रतिबंध के बाद नेस्ले ने 9 नवंबर को मैगी को दोबारा बाजार में उतारा है। गौरतलब है कि जून में फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एफएसएसएआई) ने मैगी में लेड की मात्रा अनुमति से अधिक पाए जाने पर प्रतिबंध लगा दिया था।
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पंजाब, गोवा और कर्नाटक में मैगी का उत्पादन हुआ शुरू
नेस्ले ने बंबई शेयर बाजार को दी जानकारी में कहा कि कंपनी ने अपने सभी पांच नूडल्स प्लांट्स में मैगी का उत्पादन शुरू कर दिया है। पिछले सप्ताह, स्विट्जरलैंड की कंपनी ने उत्तराखंड के पंतनगर स्थित अपने प्लांट में मैगी नूडल्स का उत्पादन शुरू किया। इससे पहले 9 नवंबर को हिमाचल प्रदेश स्थित ताहलीवाल प्लांट में मैगी का उत्पादन शुरू हुआ था। नेस्ले कर्नाटक के नानजनगढ़, मोगा (पंजाब), बिछोलीम (गोवा) और ताहलीवाल एवं पंतनगर (उत्तराखंड) में मैगी नूडल्स बनाती है। नेस्ले ने दोबारा ग्रोहकों में मैगी के प्रति भरोसा जगाने के लिए विज्ञापनों पर होने वाले खर्चों को बढ़ा दिया है।
अभी खत्म नहीं हुई है नेस्ले की मुश्किलें
मैगी की मुश्किलें खत्म होती नजर नहीं आ रही है। फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड अथॉरिटी ऑफ इंडिया (FSSAI) ने देश में मैगी नूडल्स से प्रतिबंध हटाने संबंधी बंबई हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है। FSSAI ने हाई कोर्ट के 13 अगस्त के आदेश को गलत करार देते हुए सरकार से मान्यता प्राप्त लैबोरेट्रीज को दोबारा से टेस्ट के लिए दिए गए नमूनों की स्पष्टता पर सवाल उठाया है। वहीं, मैगी नूडल्स के बाद नेस्ले को उसके पास्ता को लेकर नया झटका लग सकता है। उत्तर प्रदेश राज्य सरकार की खाद्य परीक्षण प्रयोगशाला में कंपनी के पास्ता उत्पाद के नमूनों में लेड की मात्रा दोगुनी से ज्यादा पाई गई है।