नई दिल्ली। मैगी नूडल्स विवाद के लिए नेस्ले को भारी कीमत चुकानी पड़ रही है। गुरुवार को नेस्ले ने चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही के वित्तीय नतीजों की घोषणा की। जुलाई-सितंबर तिमाही में कंपनी का कंसोलिडेटेड शुद्ध मुनाफा 60 फीसदी घटा है।
जुलाई-सितंबर तिमाही में कंपनी का शुद्ध मुनाफा 124 करोड़ रुपए रहा है, जो पिछले साल की समान अवधि में 311 करोड़ रुपए था। यह लगातार दूसरी तिमाही है, जब नेस्ले का शुद्ध मुनाफा घटा है। नेस्ले के लिए भारत में मैगी नूडल्स एक बहुत बड़ा ब्रांड है। कंपनी की कुल बिक्री में अकेले मैगी नूडल्स की हिस्सेदारी 30 फीसदी थी। इस साल जून में मैगी नूडल्स की बिक्री को देशभर में प्रतिबंधित किया गया था। तब से कंपनी की वित्तीय सेहत पर विपरीत असर पड़ा है।
जुलाई-सितंबर तिमाही में नेस्ले की कुल आय 31 फीसदी घटकर 1769 करोड़ रुपए रही है, जो कि पिछले साल की समान तिमाही में 2586 करोड़ रुपए थी। नेस्ले का कहना है कि वह जल्द ही मैगी को बाजार में वापस लेकर आएगी। कंपनी का यह भी कहना है कि एक बार मैगी का प्रोडक्शन दोबारा शुरू हो गया तो इससे उसके सभी नुकसान की भरपाई हो जाएगी। लेकिन मैगी की बाजार में दोबारा वापसी तभी संभव है, जब वह दूसरे टेस्ट राउंड में सफलता हासिल कर लेगी। इससे पहले बॉम्बे हाईकोर्ट के आदेश पर देश की तीन अलग-अलग लैब में किए गए टेस्ट में मैगी सफल रही है।