काठमांडो। नेपाल के भ्रष्टाचार निरोधक निकाय ने डाबर इंडिया की सब्सिडियरी नेपाल के रियल जूस के 77 कंटेनरों को जब्त कर लिया है। इन कंटेनरों को भारत लाया जा रहा था। उनकी गुणवत्ता के बारे में मिली शिकायत के बाद यह कदम उठाया गया है। अधिकारियों के अनुसार कमीशन फॉर दर एब्यूज आफ आथोरिटी (सीआईएए) ने डाबर नेपाल के कंटेनर जब्त किए। इन्हें बीरंगज के सिरसिया बंदरगाह से भारत निर्यात किया जा रहा था। सीआईएए ने मामले में जांच शुरू की है।
एक्सपायरी डेट के बाद डाबर भेज रहा था अपना माल
अधिकारियों के अनुसार कुछ लोगों ने शिकायत की थी इन उत्पादों की अवधि (एक्सपायरी डेट) समाप्त हो रही है। उसके बाद निकाय ने डाबर के गोदाम पर छापा मारा। हालांकि डाबर नेपाल के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि जो सामान जब्त किए गये, वह सितंबर महीने के थे। अधिकारी ने कहा, जो सामान कंटेनर में थे, उनकी गुणवत्ता की जांच की गई थी और उसकी अवधि समाप्त होने में 3-4 महीने का समय है।
नेपाल में नाकेबंदी से संकट में भारतीय मल्टीनेशनल्स कंपनियां
नेपाल में जारी घमासान से सिर्फ नेपाल के लोग परेशान नहीं है। इसकी आंच में भारतीय कंपनियां भी जल रही हैं। नेपाल के नए संविधान के खिलाफ भारतीय मूल के मधेसियों द्वारा भारत-नेपाल सीमा पर प्रमुख व्यापार मार्गों पर नाकेबंदी के चलते इस देश में प्रमुख भारतीय मल्टीनेशनल्स कंपनियों के रेवेन्यु में भारी गिरावट आई है। डाबर, यूनीलीवर और आईटीसी इंडिया उन पहली भारतीय बहुराष्ट्रीय कंपनियों में से हैं जिन्होंने नेपाल में 90 के दशक में आर्थिक उदारवाद अपनाए जाने के बाद वहां अपने प्लांट लगाए। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, दक्षिणी मैदान विशेषकर मोरंग-सुनसारी और बारा-परसा औद्योगिक गलियारे इस आंदोलन से प्रभावित हुए हैं।