नई दिल्ली। ऑनलाइन बैंकिंग ट्रांजैक्शन और मोबाइल नंबर पोर्ट (एमएनपी) कराने के नियम आज यानी 16 दिसंबर 2019 से बदल गए हैं। आरबीआई और भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण (ट्राई) ने नियमों में जो बदलाव किए गए हैं उसके बारे में आपका विस्तार से जानना बेहद जरूरी है वरना आपका नुकसान हो सकता है।
एनईएफटी सुविधा 16 दिसंबर से चौबीसों घंटे रहेगी चालू
रिजर्व बैंक ने डिजिटल लेन-देन को बढ़ावा देने के लिए एनईएफटी सेवा में बदलाव किया है। आरबीआई की अधिसूचना के मुताबिक, आज यानी 16 दिसंबर 2019 से राष्ट्रीय इलेक्ट्रॉनिक कोष हस्तांतरण प्रणाली (एनईएफटी) के जरिए चौबीसों घंटे लेन-देन किया जा सकेगा। ऑनलाइन पैसे भेजने या पाने की सुविधा को लेकर अब आप एनईएफटी के जरिए एक समय में 2 लाख रुपए तक की रकम ऑनलाइन ट्रांसफर कर सकते हैं।
पहले यह सेवा 24 घंटे के लिए नहीं थी। पहले एनईएफटी के जरिए लेन-देन का निस्तारण सामान्य दिनों में सुबह आठ बजे से शाम सात बजे के दौरान तथा पहले एवं तीसरे शनिवार को सुबह आठ बजे से दोपहर एक बजे तक घंटे के आधार पर किया जाता था।
रिजर्व बैंक ने सभी बैंकों को नियामक के पास चालू खाते में हर समय पर्याप्त राशि रखने को कहा है, ताकि एनईएफटी ट्रांजेक्शन में कोई समस्या नहीं हो। उल्लेखनीय है कि रिजर्व बैंक पहले ही एनईएफटी तथा आरटीजीएस लेन-देन पर लगने वाला शुल्क पहले ही समाप्त कर दिया गया है।
अब 3 से 5 दिन में पोर्ट होगा मोबाइल नंबर
भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण (ट्राई) मोबाइल नंबर पोर्टेबिलिटी (एमएनपी) के लिए नए नियम लाया है यानी अब मोबाइल नंबर को पोर्ट कराने का तरीका अब बदल गया है। नए नियम के तहत नंबर पोर्ट करने के लिए यूनीक पोर्टिंग कोड जेनरेट (यूपीसी) करने की जरूरत पड़ेगी, हालांकि यूपीसी का जनरेट होना कई शर्तों पर निर्भर करेगा।
आज यानी 16 दिसंबर 2019 से नए नियम के लागू हो जाने के बाद से यूजर तीन कामकाजी दिन में अपने मोबाइल नंबर को पोर्ट करा सकेंगे। 16 दिसंबर से नए नियम लागू होने के बाद एक सर्विस एरिया के यूजर तीन कामकाजी दिन में अपने नंबर को पोर्ट कर सकेंगे। वहीं, एक सर्कल से दूसरे सर्कल में नंबर पोर्ट कराने के लिए 5 कामकाजी दिन का वक्त लगेगा। यूपीसी कुछ इलाकों को छोड़ सभी लाइसेंसी सर्विस एरिया में 4 दिन तक वैलिड रहेगा। जम्मू-कश्मीर, असम, नॉर्थ-ईस्ट में यूपीसी की वैलिडिटी 30 दिन तय की गई है।
यूपीसी जेनरेट करने की शर्तें
पोस्ट-पेड मोबाइल कनेक्शन को पोर्ट करने से पहले सब्सक्राइबर को अपने मौजूदा ऑपरेटर के सभी बकायों को खत्म करना होगा।
पोस्ट-पेड नंबर को वही यूजर पोर्ट कर सकेंगे जो मौजूदा ऑपरेटर की सर्विस के साथ कम से कम 90 दिनों से जुड़े हों।
यूजर को सर्विस छोड़ने से पहले ऑपरेटर द्वारा तय किए गए सभी नियम व शर्तों को पूरा करना होगा जो नंबर लेते वक्त सब्सक्राइबर अग्रीमेंट में दिए गए थे।