नई दिल्ली| कपड़ा मंत्रालय ने प्लास्टिक बैग की जगह जूट और कपास को बढावा देने पर जोर दिया है। ऐसे इको फ्रेंडली बैग बनाने वाले स्टार्टअप्स को बढ़ावा देने में मंत्रालय जुटा है। इस सिलसिले में गुरुवार को मंत्रालय की ओर से आयोजित टेक्सटाइल ग्रैंड चैलेंज के विजेताओं को केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने पुरस्कार वितरित किया। इस दौरान कपड़ा मंत्रालय ने कहा कि इस स्टार्टअप्स के आइडियों को इंडस्ट्री बढ़ावा दे, जिससे इसका पूरा फायदा मिले। दरअसल, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 अगस्त 2019 को स्वतंत्रता दिवस पर दिए गए भाषण के दौरान प्लास्टिक कचरे के प्रबंधन की अपील की थी। इस अपील को देखते हुए मंत्रालय प्लास्टिक के उपयोग को कम करने की दिशा में पहल कर रहा है।
केंद्रीय कपड़ा मंत्री स्मृति जुबिन ईरानी ने विशेष रूप से जूट क्षेत्र में कपड़ा मशीन तकनीक को और उन्नत करने पर बल दिया। उन्होंने नई प्रौद्योगिकियों की ओर लोगों का ध्यान खींचने की जरूरत बताई। कपड़ा मंत्रालय की ओर से आयोजित टेक्सटाइल ग्रैंड चैलेंज का आयोजन राष्ट्रीय कपास बोर्ड और औद्योगिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी) की स्टार्ट अप इंडिया टीम के जरिए हुआ।
इस कार्यक्रम के आयोजन का मकसद प्लास्टिक बैगों को हटाने के लिए जूट बायो मास, जूट प्लांट आधारित बायो-पोलिमर और कपास फाइबर के कचरे का उपयोग करके किफायती और कम वजन वाले कैरी बैग तैयार करने के लिए स्टार्ट-अप्स के नए विचारों को आगे लाना था। मंत्रालय की ओर से आत्मनिर्भर भारत और मेक इन इंडिया की दिशा में यह खास पहल है। जिसके तहत एक बार उपयोग में आने वाले प्लास्टिक बैगों के विकल्प और घरेलू रूप से विकसित जूट और कपास का उपयोग कर वैकल्पिक प्लास्टिक बैग के विकल्प के लिए नए विचार मांगे गए थे।
इस चैलेंज में कुल 67 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया। किराने और खरीदारी की गई वस्तुओं को ले जाने के लिए किफायती, कम वजन वाले और मजबूत गैर-बुने कैरी बैग बनाने के लिए जूट और कपास कचरा फाइबर का उपयोग करने की जानकारी दी गई। समारोह में वस्त्र सचिव रवि कपूर ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से भाग लिया। कपड़ा मंत्रालय ने उद्योग जगत के दिग्गजों से अपील की कि वे इस तरह के नये विचारों को बढ़ावा दें।