नई दिल्ली। भारत में डिजिटल प्रौद्योगिकी के तेजी से विस्तार के बावजूद करीब एक अरब लोगों को अभी भी इंटरनेट से जोड़ने की जरूरत है, तभी वृद्धि, रोजगार सृजन तथा जन सेवाओं तक पहुंच को बढ़ावा दिया जा सकेगा। विश्व बैंक की एक रिपोर्ट में यह बात कही गई है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि खुदरा वित्त तथा बैंकिंग के मामले में भारत सबसे अधिक अंकुश वाला बाजार है। विश्व विकास रिपोर्ट 2016: डिजिटल लाभांश में कहा गया है कि भारत में 10 में से 8 लोगों के पास मोबाइल फोन है और डिजिटल प्रौद्योगिकी का तेजी से विस्तार हो रहा है। करीब एक अरब लोग अभी तक इंटरनेट से नहीं जुड़े हैं। ऐसे में यहां डिजिटल प्रौद्योगिकी तक पहुंच बढ़ाने के काफी अवसर हैं, जिससे ऊंची वृद्धि, अधिक नौकरियों तथा बेहतर जनसेवाओं को प्रोत्साहन दिया जा सकेगा। यह रिपोर्ट सह निदेशकों दीपक मिश्रा और वी डाइचमैन ने लिखी है।
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भारत में यह रिपोर्ट जारी करते हुए मिश्रा ने कहा कि भारत में डिजिटल विकास रणनीतियों को सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी की तुलना में अधिक व्यापक करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि डिजिटल प्रौद्योगिकी के बदलाव लाने की क्षमता को लेकर कोई संदेह नहीं है। लेकिन विकास के लिए कोई छोटा रास्ता नहीं है, हालांकि इनका सही तरीके से इस्तेमाल करने से ये रफ्तार बढ़ाने वाले हो सकते हैं। भारत दुनिया में आईसीटी सेवाओं और विकासशील देशों में दक्ष श्रमबल का सबसे बड़ा निर्यातक है। बिजनेस प्रोसेस आउटसोर्सिंग उद्योग में आज 31 लाख लोग कार्यरत हैं, जिनमें 30 फीसदी महिलाएं हैं। भारत में विश्व बैंक के कंट्री निदेशक ओनो रहल ने कहा कि डिजिटल क्रांति दुनिया में बदलाव ला रही है। यह सूचनाओं के प्रवाह में मदद कर रही है और वृद्धि और गरीबी उन्मूलन के लिए काफी अवसर पैदा कर रही है।
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