नई दिल्ली। वित्त मंत्रालय के मुताबिक भारत में छोटे निवेशकों के हितों की सुरक्षा के लिए और कदम उठाए जाने की जरूरत है। दरअसल विश्वबैंक के आंकड़ों के हिसाब से अल्पांश हिस्सेदारों यानि छोटे निवेशकों के हितों की सुरक्षा के मामले में भारत की रैकिंग हाल में गिरी है। यह रैकिंग विश्वबैंक की कारोबार की सुगमता रैकिंग का हिस्सा है। वित्त मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने मंगलवार को कहा कि हितधारकों को इस पक्ष पर सुधार करने की जरूरत है। मंत्रालय में अतिरिक्त सचिव आनंद मोहन बजाज ने कहा कि ब्रोकरों को लघु अवधि के लाभ से ऊपर उठकर देखने की जरूरत है। उन्हें लंबी अवधि की रणनीति पर ध्यान देना चाहिए जो निवेशकों को पूंजी बाजार के लिए आकर्षित कर सकें। जिससे वो वहां लंबी अवधि तक रुक सकें।
बजाज का यह बयान ऐसे समय आया है जब कुछ ब्रोकर कंपनियों के चूक करने की घटनाएं सामने आयी हैं जिनसे छोटे निवेशक प्रभावित हुए हैं। विश्व बैंक की कारोबार सुगमता 2020 रिपोर्ट में छोटे निवेशकों के हितों की सुरक्षा के मामले में भारत पिछले साल के सातवें स्थान से फिसलकर 13वें स्थान पर आ गया है। बजाज, बीबीएफ इंडिया के एक सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा, ‘‘ छोटे निवेशकों के हितों की सुरक्षा के मामले में हमारी रैकिंग उच्च स्तर पर थी, लेकिन हाल में इस पक्ष पर भारत की रैकिंग कमजोर हुई है। हालांकि कारोबार सुगमता को लेकर भारत की रैकिंग पूर्ववत रही है।’’ उन्होंने कहा कि खुदरा और छोटे निवेशकों के हितों की सुरक्षा के लिए हमें खुद को पुन:समर्पित करना होगा। इसके लिए हमें प्रौद्योगिकी, वित्त प्रौद्योगिकी और सूचनाओं के प्रसार अन्य सभी प्रकारों का लाभ उठाना होगा।