नयी दिल्ली। वित्त सचिव टी वी सोमनाथन ने मंगलवार को कहा कि सरकार की राजकोषीय स्थिति बेहतर करने के लिये कृषि, खाद्य एवं उर्वरक सब्सिडी में सुधारों की जरूरत है। उन्होंने कहा कि इससे बुनियादी ढांचा और शिक्षा प्रणाली के विकास के लिये अतिरिक्त कोष उपलब्ध हो सकता है।
व्यय सचिव सोमनाथन ने कहा कि कृषि, खाद्य और उर्वरक क्षेत्रों में सुधार प्रशासनिक रूप से आसान हैं लेकिन इसके प्रभावों को देखते हुए राजनीतिक रूप से यह कठिन काम है। उन्होंने कहा कि दूसरी तरफ शिक्षा और बुनियादी ढांचा में सुधारों की घोषणा करना आसान है लेकिन प्रशासनिक रूप से उसे लागू करना कठिन है क्योंकि राज्यों एवं अन्य संबंधित पक्षों का सहयोग जरूरी है।
सोमनाथन ने साथ में यह भी कहा कि उनके ये विचार व्यक्तिगत हैं और यह सरकार का पक्ष नहीं है। उन्होंने कहा कि मौजूदा स्थिति में दो प्रकार के सुधार हैं। ‘‘पहला, मुझे लगता है कि अगर वित्तीय स्थिति को व्यवस्थित करना चाहते हैं और कई चीजें प्रदान करना है जो सरकारों को वैध रूप से प्रदान करनी चाहिए, हमें अपनी कुछ सब्सिडी व्यवस्था जैसे कृषि सब्सिडी, खाद्य सब्सिडी, उर्वरक सब्सिडी में सुधार करना होगा। उनमें से कुछ आपस में जुड़े हुए हैं।’’
सोमनाथन ने कहा, ‘‘दूसरा हमें शिक्षा, स्वास्थ्य और बुनियादी ढांचे पर सार्वजनिक व्यय की दक्षता में सुधार करने की जरूरत है।’’ आर्थिक शोध संस्थान नेशनल काउंसिल ऑफ एप्लाइड इकोनॉमिक रिसर्च (एनसीएईआर) द्वारा आयोजित एक परिचर्चा में वित्त सचिव ने कहा कि सरकार व्यापक स्तर पर विचार-विमर्श के बाद सुधारों को आगे बढ़ा रही है।