नई दिल्ली। देश में लोगों को पेट्रोलियम उत्पाद किफायती दाम पर उपलब्ध हों, इसके लिए मोदी सरकार भरसक प्रयास कर रही है। पेट्रोलियम मंत्री धमेंद्र प्रधान ने बुधवार को पेट्रोलियम उत्पादक देशों से कहा है कि वे कच्चे तेल की कीमतों को वहनीय स्तर पर रखें, ताकि भारतीयों को उचित दाम पर पेट्रोलियम उत्पाद की उपलब्धता सुनिश्चित की जा सके।
उन्होंने यह बात इस्तांबुल में आयोजित 22वीं विश्व पेट्रोलियम कांग्रेस में तेल, गैस एवं उत्पादों के लिए आपूर्ति और मांग चुनौतियां विषय पर एक पूर्ण सत्र में कही। उन्होंने कहा कि भारत जैसे उभरते एशियाई देशों में मध्यम वर्ग के उभार ने बिजली और खाने एवं परिवहन के ईंधन के रूप में ऊर्जा की मांग को काफी बढ़ा दिया है। एक आधिकारिक बयान में प्रधान के हवाले से कहा गया है कि जैसे-जैसे लोगों की आय बढ़ती है तो जीवनशैली के विभिन्न उत्पादों के कच्चे माल के रूप में पेट्रोरसायन की मांग भी बढ़ती है।
भारत का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि 2035 तक उसका ऊर्जा उपभोग लगभग दोगुना हो जाने की उम्मीद है। यह अभी दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा कच्चे तेल का उपभोक्ता है और अगले एक दशक से भी ज्यादा समय तक यहां मांग बरकरार रहेगी। बयान में कहा गया है कि उन्होंने ईंधन की उचित कीमत पर जोर दिया, जो कि भारत जैसे देशों के लिए आवश्यक है। क्योंकि इससे आम लोगों को ऊर्जा उपलब्ध करायी जा सकती है।
उन्होंने आज के अत्यधिक आपूर्ति वाले बाजार पर ध्यान आकर्षित करते हुए कहा कि उत्पादकों के लिए उपभोक्ता के परिप्रेक्ष्य और मांग केंद्र को समझना महत्वपूर्ण है। क्योंकि इन मांग केंद्रों में लगातार बदलाव आ रहा है। उपभोक्ताओं के लिए आपूर्ति सुरक्षा जरूरी है, उसी प्रकार उत्पादकों के लिए मांग सुरक्षा भी उतनी ही जरूरी है।