नयी दिल्ली। शेयर बाजार में सोमवार को शुरुआती कारोबार के दौरान भारी गिरावट के चलते निवेशकों के करीब पांच लाख करोड़ रुपये डूब गए। कोरोना वायरस के प्रकोप के चलते बढ़ती आर्थिक अनिश्चितता के कारण यह गिरावट हुई। बीएसई में 30 शेयरों पर आधारित सेंसेक्स सूचकांक 1515.01 अंक या 4.03 प्रतिशत गिरकर 36,061.61 पर आ गया। निफ्टी में भी 417.05 अंकों या 3.80 प्रतिशत की गिरावट हुई और यह 10,572.40 के स्तर पर आ गया।
बीएसई में सूचीबद्ध कंपनियों के बाजार पूंजीकरण में भारी गिरावट दर्ज की गई। इक्विटी बाजार में इस गिरावट के चलते निवेशकों के 4,79,820.87 करोड़ रुपये डूब गए और बीएसई पर कुल बाजार पूंजीकरण 1,39,39,640.96 करोड़ रुपए रह गया। बीएसई में सूचीबद्ध कंपनियों का बाजार पूंजीकरण शुक्रवार को कारोबार के अंत में 1,44,31,224.41 करोड़ रुपये था।
कारोबारियों का अनुमान है कि कोरोना वायरस के प्रकोप के चलते प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में मंदी की आशंका गहराने के चलते शेयर बाजारों में नकारात्मक रुख है। सेंसेक्स के सभी शेयर घाटे में चल रहे हैं। ओएनजीसी, रिलायंस, इंडसइंड बैंक, टाटा स्टील, एलएंडटी, आईसीआईसीआई बैंक और इंफोसिस गिरने वाले प्रमुख शेयर रहे। पिछले सत्र में बीएसई में 893.00 अंकों की और निफ्टी में 279.55 अंकों की गिरावट हुई थी।
शेयर बाजार के आंकड़ों के मुताबिक इस दौरान सकल आधार पर विदेशी संस्थागत निवेशकों ने 3,594.84 करोड़ रुपये की इक्विटी बेची, जबकि घरेलू संस्थागत निवेशकों ने 2,543.78 करोड़ रुपये की शुद्ध लिवाली की। कारोबारियों ने बताया कि तेल कीमतों में भारी गिरावट और वैश्विक स्तर पर अनिश्चितता के माहौल को देखते हुए घरेलू बाजार में निवेशक सतर्क रूख अपना रहे हैं। उन्होंने कहा कि विदेशी फंडों के बाहर जाने से बाजार की धारणा पर नकारात्मक असर पड़ा। उन्होंने बताया कि यस बैंक के संकट के मद्देनजर देश के बैंकिंग क्षेत्र की स्थिरता को लेकर चिंताएं जताई जा रही हैं।