नई दिल्ली: इंटरनेट का इस्तेमाल बढ़ने के साथ साइबर क्राइम भी काफी तेजी के साथ बढ़ रहे हैं। हालांकि एक सर्वे की माने तो अभी भी भारत में एक बड़ा वर्ग ऐसा है जो बढ़ते अपराधों के बीच भी अपनी जानकारियों की सुरक्षा को लेकर गंभीर नहीं है। लोकल सर्किल द्वारा कराये गये सर्वे के मुताबिक देश में करीब 33 प्रतिशत लोग अभी भी अपनी बेहद संवेदनशील जानकारियों को अपने ई-मेल, मोबाइल फोन पर बिना किसी सुरक्षा के रख रहे हैं। सर्वे के मुताबिक ऐसे लोगों की जानकारियों का अपराधियों के हाथों में पड़ने का गंभीर खतरा बना हुआ है। इस सर्वे में देश के 393 जिलों में 24 हजार लोगों को शामिल किया गया था।
क्या हैं सर्वे के नतीजे
- सर्वे में शामिल 39 प्रतिशत लोगों ने माना कि वो अपनी संवेदनशील जानकारियां पेपर पर लिखकर रखते हैं।
- 29 प्रतिशत लोगों ने माना कि वो अपने डेबिट कार्ड पिन को अपने परिवार के सदस्यों के साथ शेयर करते हैं।
- वहीं 4 प्रतिशत लोगों ने माना कि वो अपने डेबिट कार्ड पिन को घर में या ऑफिस में काम करने वालों के साथ शेयर करते हैं।
- परिवार और ऑफिस स्टाफ के साथ पिन शेयर करने वालों में से एक बड़ी संख्या में लोगों ने एक से ज्यादा के साथ जानकारी शेयर की।
- 2 प्रतिशत लोगों ने अपने दोस्तों को अपने डेबिट कार्ड पिन का जानकारी दी।
- 7 प्रतिशत के मुताबिक उनकी संवेदनशील जानकारियां उनके मोबाइल फोन में है।
- 15 प्रतिशत के मुताबिक उनकी जानकारियां ईमेल या कंप्यूटर में है।
- 11 प्रतिशत के मुताबिक उनकी जानकारियां मोबाइल फोन और कंप्यूटर दोनो में है।
- खास बात ये है कि 7 प्रतिशत लोगों को पता ही नहीं कि उनकी जरूरी जानकारियां कहां हो सकती हैं।
- सिर्फ 21 प्रतिशत लोगों ने माना कि वो अपनी संवेदनशील जानकारियां याद रखते हैं।
क्या हैं आपके संवेदनशील आंकड़े
हर ऐसी जानकारी जो किसी ट्रांजेक्शन, किसी आवेदन, किसी सरकारी कामकाज आदि को शुरू करने या पूरी करने के लिये आवश्यक हो संवेदनशील जानकारियों में गिनी जाती है। क्योंकि इन्हें पा कर कोई दूसरा आपकी जगह इन ट्रांजेक्शन आवेदन या कार्य को अपने हिसाब से शुरू या पूरा कर सकता है। इन जानकारियों में आधार कार्ड, पैन कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, एटीएम कार्ड. क्रेडिट कार्ड की जानकारियां, पिन, ओटीपी, सीवीवी, कंप्यूटर, मोबाइल सहित अन्य पासवर्ड. बैंक खाते आदि की जानकारियां शामिल हैं। सुरक्षा के लिये कोई भी ट्रांजेक्शन या आवेदन को पूरा करने के लिये कई स्तर की स्वीकृति जरूरी होती है। ऐसे में एक दो जानकारियां हासिल कर साइबर क्रिमिनल आपको नुकसान नहीं पहुंचा सकते, हालांकि ऐसी लापरवाही आपको साइबर क्रिमिनल की नजरों में ले आती है, और आपके लिये जोखिम बढ़ जाता है।
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