टोक्यो। भारत अपने यहां पहली बुलेट ट्रेन प्रणाली के लिए इस सप्ताह जापान के साथ समझौते पर हस्ताक्षर करने की तैयारी में है। मुंबई-अहमदाबाद के बीच उच्च गति वाली रेल परियोजना के लिए जापान आठ अरब डॉलर का कर्ज देगा। जापनी व्यावसायिक दैनिक अखबार निक्केइ की खबर के मुताबिक प्रधानमंत्री शिंजो अबे की इस सप्ताह भारत यात्रा के दौरान वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ इस इस समझौते पर शनिवार को एक संयुक्त बयान जारी करेंगे। अखबार की रिपोर्ट के अनुसार प्रधानमंत्री अबे मुंबई से अहमदाबाद के बीच 505 किलोमीटर रेल लाइन परियोजना के लिए 8.1 अरब डॉलर से अधिक राशि के ऋण की पेशकश करेंगे। इस परियोजना पर मोटे तौर पर 14.6 अरब डॉलर की लागत आने का अनुमान है।
खबर में कहा गया है कि दोनों पक्ष कर्ज की शर्तों पर बात कर रहे हैं। इसके अनुसार अबे के सलाहकार हिरोता ईजूमी और जापान के विदेश मंत्रालय के अधिकारी इसके वित्तीय और अन्य पहलुओं पर बातचीत के लिए भारत गए थे। उनकी यात्रा सोमवार को पूरी हुई। भारत के साथ यह सौदा जापान की बुलेट ट्रेन टेक्नोलॉजी निर्यात का दूसरा मामला होगा। इससे पहले जापान ने 2007 में ताइवान को यह टेक्नोलॉजी प्रदान की थी।
इस साल के शुरुआत में इंडोनेशिया में हाई-स्पीड ट्रेन प्रोजेक्ट हासिल करने में जापान को असफलता हाथ लगी थी। यह प्रोजेक्ट चीन की एक कंपनी को मिला है। जैसे ही भारत जापानी ट्रेन टेक्नोलॉजी को लेने का निर्णय लेता है, वैसे ही वह कॉन्ट्रैक्ट देने के लिए टेंडर जारी करेगा। रिपोर्ट में कहा गया है कि इस प्रोजेक्ट को हासिल करने के लिए जेआर ईस्ट, कावासाकी हैवी इंडस्ट्रीज और हिताची का एक कंसोर्टियम इसके लिए बोली लगा सकता है।
जापान इंटरनेशनल कोऑपरेशन एजेंसी और भारत के रेल मंत्रालय ने संयुक्तरूप से दो साल पहले हाई स्पीड रेल की व्यवहारिकता अध्ययन की शुरुआत की थी। इस ट्रेड की स्पीड 320 किलोमीटर प्रति घंटा होगी और इससे मुंबई-अहमदाबाद के बीच यात्रा का समय 8 घंटे से घटकर दो घंटे का रह जाएगा। इस ट्रेक पर 2017 में निर्माणकार्य शुरू होने की संभावना है, जो 2023 में पूरा होगा। भारत ने ऐसे सात हाई-स्पीड रेल कॉरीडोर बनाने की योजना बनाई है, जिसकी शुरुआत मुंबई-अहमदाबाद से होगी।