मुंबई। राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) ने मंगलवार को वित्तीय संकट में फंसी कंपनी रीड एंड टेलर के परिसमापन का आदेश दिया है। कंपनी के लिए बोली लगाने वाले के पात्रता मानदंड पूरा नहीं करने के बाद यह आदेश दिया गया। हालांकि, न्यायाधिकरण की मुंबई पीठ ने समाधान पेशेवरों (आरपी) से कंपनी के कर्मचारियों के हित में कंपनी की बिक्री एक परिचालन में रहने वाली कंपनी के तौर पर सुनिश्चित करने को कहा है।
रीड एंड टेलर के एम्पलायज एसोसिएशन ने परिसमापन आदेश को अपीलीय न्यायाधिकरण (एनसीएएलटी) में चुनौती देने का फैसला किया है। संगठन ने चार जनवरी को बोली के साथ पीठ का दरवाजा खटखटाया था। उस समय यह पंजीकृत नहीं था।
रीड एंड टेलर एम्प्लायज एसोसिएशन के प्रवक्ता विवेक पंडित ने कहा कि इंडिया गैस हमारी तरफ से बोली लगा रही थी। हमें लगता है कि कंपनी को सर्वाधिक कर्ज दे रखे फिनक्वेस्ट फाइनेंशियल ने इसमें कुछ गड़बडी कराई है। ऐसे में हमने बोली को खारिज करने और परिसमापन आदेश को एनसीएएलटी में चुनौती देने का निर्णय किया है।
नए निवेशक इंडिया गैस के 50 करोड़ रुपए के अनिवार्य नेटवर्थ मानदंड को पूरा करने में विफल रहने के बाद यह आदेश दिया गया है। हालांकि, कंपनी 2 करोड़ रुपए की बयाना राशि के भुगतान को तैयार हो गई थी, जिसे लौटाना भी नहीं होता। नितिन कसलीवाल की कंपनी के ऊपर 4,100 करोड़ रुपए का बकाया है। कंपनी को फिनक्वेस्ट फाइनेंशियल की अगुवाई में कर्जदाताओं ने यह कर्ज दिया है। फिनक्वेस्ट ने कंपनी को 775 करोड़ रुपए का कर्ज दे रखा है।
कंपनी को कर्ज देने वाले अन्य वित्तीय संस्थानों में बैंक ऑफ इंडिया (15 प्रतिशत), पीएनबी (12 प्रतिशत), आईडीबीआई बैंक (6 प्रतिशत) तथा जेएम फाइनेंशियल (5 प्रतिशत) तथा अन्य शामिल हैं।
एनसीएलटी की भास्कर पनतुला मोहन और वी नलेसनपति की मुंबई पीठ ने यह भी कहा कि दिल्ली की इंडिया गैस राष्ट्रीय कंपनी विधि अपीलीय न्यायाधिकरण (एनसीएलएटी) में अपनी प्रामाणिकता साबित करने में विफल रही है। पीठ ने स्वीकार किया कि हालांकि, उसने परिसमापन का आदेश दिया है पर एक अमेरिकी निवेशक फोनिक्स जीबीएल ने कंपनी के अधिग्रहण की पेशकश की है। लेकिन चार-पांच बार बोली के विफल होने के बाद हम और समय इस मामले में नहीं गंवाना चाहते।
एनसीएलटी ने परिसमापन का आदेश देते हुए कहा कि हमारे सभी प्रयास व्यर्थ रहे और जिस तरीके से इस उद्योग ने इस मामले में तथ्यों को गलत ढंग से प्रस्तुत किया , उससे हम उदास हैं। इसके कारण किसी और को अवसर देने को लेकर भरोसा नहीं बचा है। पीठ ने कर्जदाताओं और समाधान पेशेवर को यह सुनिश्चित करने को कहा कि कंपनी के कारोबार को सुरक्षित रखते हुए उसे बेचा जाए ताकि कर्मचारियों के हितों की रक्षा हो सके।