मुंबई। राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) ने बृहस्पतिवार को मेटालिस्ट फोर्जिंग्स के पूर्व प्रवर्तकों की संपत्ति को कुर्क करने और उनपर रोक लगाने का आदेश दिया। इन प्रवर्तकों में अरविंद धाम और अरुण कुमार मेइती भी शामिल हैं। एनसीएलटी की मुंबई पीठ ने सेंट्रल डिपाजिटरी सविर्सिज लिमिटेड (सीडीएसएल) और नेशनल सिक्युरिटीज डिपाजिटरी लिमिटेड (एनएसडीएल) को कंपनी के पूर्व प्रवर्तकों की प्रतिभूतियों पर रोक लगाने उसका पूरा ब्योरा कार्पोरेट कार्य मंत्रालय को देने का आदेश दिया है।
मेटालिस्ट फोर्जिंग्स, अमटेक आटो की सूचीबद्ध अनुषंगी है। एनसीएलटी का यह आदेश उस समय आया है जब कार्पोरेट कार्य मंत्रालय ने एक आवेदन में बुधवार को कहा कि एक स्वतंत्र लेखा परीक्षा में कंपनी के पूर्व प्रबंधन के दौरान 3,454 करोड़ रुपये के वित्तीय लेनदेन को लेकर सवाल उठाया गया है। एनसीएलटी के भास्कर पंटुला मोहन और नरेन्द्र कुमार भोला की पीठ ने केन्द्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) से मेटालिस्ट फोर्जिंग्स के पूर्व प्रवर्तकों और निदेशकों की सभी संपत्तियों के बारे में जानकारी देने को कहा है ताकि उनकी संपत्ति को कुर्क किया जा सके।
इसके साथ ही पीठ ने इंडियन बैंक एसोसियेसन से भी कहा है कि वह कंपनी के पूर्व प्रवर्तकों के बैंक खातों और लॉकर्स का ब्योरा उपलब्ध कराये और उन पर तुरंत प्रभाव से रोक लगाई जाये। उसने मेटालिस्ट फोर्जिंग्स के धाम और मेइती सहित अन्य पूर्व निदेशकों को चार सप्ताह के भीतर जवाब देने को कहा है। भारतीय स्टेट बैंक की याचिका पर मेटालिस्ट फोर्जिंग्स को कंपनी दिवाला समाधान प्रक्रिया के तहत दिसंबर 2017 में लाया गया था।