नई दिल्ली। राष्ट्रीय कंपनी विधि अपीलीय न्यायाधिकरण (NCLAT) ने साइरस मिस्त्री की टाटा संस के खिलाफ दायर याचिका पर फैसला सुरक्षित रखा है। मिस्त्री कैंप की ओर से दायर याचिका में टाटा संस को पब्लिक लि. कंपनी से प्राइवेट लि. कंपनी में बदलने के मामले में यथास्थिति कायम रखने का निर्देश देने की अपील की है। एनसीएलएटी के चेयरपर्सन न्यायमूर्ति एस जे मुखोपाध्याय की अगुवाई वाली दो सदस्यीय पीठ ने कहा कि वह इस बदलाव पर अंतरिम आदेश जारी करेगी और बाद में इस पर अंतिम फैसला जारी किया जाएगा।
मिस्त्री की ओर से उपस्थित वरिष्ठ अधिवक्ता सी ए सुंदरम ने टाटा संस की स्थिति में बदलाव को लेकर जल्दबाजी पर सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि इसके लिए जल्दबाजी करने की क्या जरूरत है। यथास्थिति कायम रखी जानी चाहिए।
एनसीएलएटी मिस्त्री की उस अपील की सुनवाई कर रहा है जिसमें राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) के आदेश को चुनौती दी गई है। एनसीएलटी ने कंपनी के चेयरमैन पद से हटाए जाने के खिलाफ उनकी अपील को खारिज कर दिया था।
पिछले साल सितंबर में टाटा संस को प्राइवेट लि. कंपनी में बदलने के लिए शेयरधारकों की मंजूरी मिल गई थी। पब्लिक लिमिटेड कंपनी से प्राइवेट लिमिटेड कंपनी बन जाने से साइरस मिस्त्री के परिवार को अपनी हिस्सेदारी किसी बाहरी को बेचने की संभावनायें सीमित हो जायेंगी।
पब्लिक लि. कंपनी के शेयरधारकों को कानूनी तौर पर अपने शेयर किसी को भी बेचने की अनुमति होती है। वहीं प्राइवेट लि. कंपनी के शेयरधारक अपने शेयर किसी बाहरी निवेशक को नहीं बेच सकते।