नई दिल्ली। राष्ट्रीय कंपनी कानून अपीलीय न्यायाधिकरण (एनसीएलएटी) ने आज टाटा स्टील से पूछा है कि क्या वह भूषण स्टील के आयकर व जीएसटी जैसे सांविधिक बकायों का भुगतान करेगी। टाटा स्टील ने ऋण शोधन प्रक्रिया के तहत इसी महीने भूषण स्टील का अधिग्रहण पूरा किया है। भूषण स्टील के संस्थापक सिंघल परिवार तथा फर्म के परिचालन कर्जदाता लार्सन एंड टुब्रो ने इस अधिग्रहण को चुनौती देते हुए याचिकाएं दायर की हैं। इस पर एनसीएलएटी ने कपंनी के सांविधिक बकायों पर टाटा स्टील से बयान दाखिल करने को कहा है।
एनसीएलएटी के चेयरमैन न्यायाधीश एसजे मुखोपाध्याय की अध्यक्षता वाली पीठ ने इसके साथ ही समाधान पेशेवर (आरपी) से कहा है कि वह बताएं कि सभी परिचालनगत कर्जदाताओं को पेश किए गए 532 करोड़ रुपए में से लार्सन एंड टुब्रो को कितनी राशि मिलगी। इस मामले पर आगे तीन जुलाई को सुनवाई होगी।
भूषण स्टील पर विभिन्न बैंकों का 56,000 करोड़ रुपए का बकाया है। यह कंपनी उन 12 बड़े कर्ज चूककर्ताओं में शामिल है, जिन्हें भारतीय रिजर्व बैंक ने पिछले महीने ऋणशोधन प्रक्रिया के लिए चिन्हित किया था।
टाटा स्टील ने 35,200 करोड़ रुपए की नकद पेशकश में भूषण स्टील का अधिग्रहण किया है। कंपनी अगले 12 माह के दौरान ऋणदाताओं को 1,200 करोड़ रुपए का और भुगतान करेगी, जबकि शेष ऋण को इक्विटी में परिवर्तित करेगी। प्रक्रिया पूरी होने पर टाटा स्टील की कंपनी में 75 प्रतिशत हिस्सेदारी होगी। बैंकों की 12.27 प्रतिशत और सिंघल परिवार के पास 2.5 प्रतिशत हिस्सेदारी बचेगी, जबकि शेष 10 प्रतिशत सार्वजनिक होल्डिंग होगी।