नई दिल्ली। राष्ट्रीय कंपनी विधि अपीलीय न्यायाधिकरण (NCLAT) ने आज बैंकों की राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (NCLT) के आदेश के खिलाफ याचिका को स्वीकार कर लिया है। एनसीएलटी ने अपने आदेश में जयप्रकाश एसोसिएट्स को करीब 760 एकड़ जमीन अपनी अनुषंगी जेपी इन्फ्राटेक को लौटाने का निर्देश दिया था, जिसे बैंकों ने चुनौती दी है। एनसीएलएटी के चेयरमैन न्यायमूर्ति एस जे मुखोपाध्याय की अगुवाई वाली दो सदस्यीय पीठ ने तीन बैंकों - एक्सिस बैंक, स्टैंडर्ड चार्टर्ड बैंक और आईसीआईसीआई बैंक की याचिका पर कंपनी के निपटान पेशेवर (आरपी) को नोटिस जारी किया है। पीठ ने इस मामले की सुनवाई की अगली तारीख 13 जुलाई तय की है।
सुनवाई के दौरान अपीलीय न्यायाधिकरण ने निष्कर्ष दिया कि एनसीएलटी के पास ऐसे किसी ‘उत्पाद’ को गैर-कानूनी घोषित करने का अधिकार नहीं है।
एनसीएलटी की इलाहाबाद पीठ ने कर्ज के बोझ से दबी जयप्रकाश एसोसिएट्स को अपनी अनुषंगी जेपी इन्फ्राटेक की 760 एकड़ जमीन लौटाने का निर्देश दिया था। एनसीएलटी ने इस भूमि स्थानांतरण को धोखाधड़ी वाला और कम मूल्य दिखाकर किया गया स्थानांतरण करार दिया था।
एनसीएलटी ने जेपी समूह की प्रमुख कंपनी जयप्रकाश एसोसिएट्स को इस जमीन पर बने ब्याज को आईसीआईसीआई बैंक सहित अन्य बैंकों को जारी करने को कहा था। एनसीएलटी ने यह आदेश जेपी इन्फ्राटेक के निपटान पेशेवर अनुज जैन की याचिका पर दिया था।