मुंबई। नॉन-बैंकिंग फाइनेंस कंपनीज (NBFCs) गोल्ड लोन के मामले में 25,000 रुपए से अधिक की राशि कैश में नहीं दे सकेंगी। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने गुरुवार को नियमों में बदलाव करने की घोषणा की है।
इससे पूर्व एनबीएफसी कंपनियों को सोने के बदले दिए जाने वाले लोन में एक लाख रुपए तक कैश देने की अनुमति थी। इससे अधिक की राशि का भुगतान चेक द्वारा किया जा सकता था। अब आरबीआई ने पूर्व के एक लाख रुपए की सीमा को घटाकर 25,000 रुपए कर दिया है। ऐसा इनकम टैक्स कानून के प्रावधानों के अनुरूप बनाने के लिए उद्देश्य से किया गया है।
- केंद्रीय बैंक ने कहा है कि इनकम टैक्स कानून 1961 के अनुसार 20 हजार रुपए तक का लेन-देन कैश में अनुमति योग्य है।
- इसलिए एनबीएफसी के लिए लोन के रूप में दी जाने वाली कैश राशि की सीमा के प्रावधान में संशोधन किया गया है।
- यह सरकार के नकद रहित अर्थव्यवस्था की पहल के भी अनुरूप है और इससे डिजिटल भुगतान को बढ़ावा मिलेगा।
- सरकार ने कालेधन पर रोक लगाने, जाली मुद्रा और आंतकी वित्त पोषण को रोकने के लिए पिछले साल 8 नवंबर को 500 और 1000 रुपए के नोटों को चलन से बाहर कर दिया था।
- पुरानी मुद्रा के स्थान पर नई मुद्रा चलन में आने के बाद आरबीआई ने नकद निकासी से जुड़े कई प्रतिबंध खत्म कर दिए हैं।
- बचत खाते से नकद निकासी पर से 13 मार्च से प्रतिबंध पूरी तरह से समाप्त कर दिए जाएंगे।