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naval dockyard develops indigenous thermal sensor
नई दिल्ली। कोरोना से जंग में जहां एक तरफ भारतीय डॉक्टर और हेल्थ सिस्टम पूरी ताकत से लड़ रहा है। वहीं दूसरी तरफ इनकी मदद के लिए भारतीय इनोवेटर जी जान से कोशिश कर रहे हैं। ऐसे में देश के हर कोने से ऐसी खबरें लगातर आ रही हैं जिसमें भारतीय कोई नई तकनीक या उपकरण ईजाद कर रहे हैं। इस बार ऐसी ही एक खबर आई है भारतीय नौसेना से। नेवल डॉकयार्ड मुंबई ने अपने पास उपलब्ध रिसोर्सेज की मदद से बेहद सस्ता और कारगर टेंपरेचर सेंसर बनाया है। जो कि कोरोना से जंग में काफी मददगार साबित हो सकता है।
बेहद छोटी पोर्टेबल इंफ्रारेड आधारित ये सेंसर बिना संपर्क में आए लोगों के तापमान की सटीक जानकारी देने में सक्षम है। खास बात ये है कि इसकी लागत सिर्फ 1000 रुपये है। जो कि इसी क्षमता की बाजार में मौजूद थर्मल गन का बेहद छोटा हिस्सा है। नेवी के मुताबिक ये सेंसर 0.02 डिग्री के बेहद मामूली अंतर के साथ तापमान बताने में सक्षम हैं।
फिलहाल बाजार में बेहद शुरुआती थर्मल गन 2 हजार रुपये से शुरू है वहीं एडवांस थर्मल गन 15 हजार रुपये तक है। दरअसल नेवल डॉकयार्ड में रोजाना हजारों कर्मचारी आते हैं। कोरोना संकट के चलते आधुनिक थर्मल गन की कमी होने की वजह से नेवी ने खुद ही इस चुनौती का हल ढूंढने की ठानी और इस सटीक सेंसर का निर्माण किया। नेवी के मुताबिक वो जरूरत पड़ने पर इसका निर्माण बढ़ा सकते हैं।