नई दिल्ली। सूचना प्रौद्योगिकी उद्योग के संगठन नास्कॉम ने सरकार से वर्क फ्रॉम होम के नियमों में ढील देने की मांग की है। कोरोनावायरस के महामारी का रूप लेने के बीच आईटी कंपनियां ज्यादा से ज्यादा कर्मचारियों को घर से काम करने की सलाह दे रही हैं। हालांकि मौजूदा नियमों के तहत घर से काम करने में अपनी सीमाएं हैं।
फिलहाल अन्य सेवाप्रदाता व्यवस्था यानि ओएसपी मॉडल के तहत वर्क फ्रॉम होम पर अंकुश है। विभिन्न क्षेत्रों की कंपनियां अपने कर्मचारियों को घर से ही काम करने की सलाह दे रही हैं। इसके लिए वे टेलीप्रेजेंस और वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग जैसी प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल कर रही हैं ताकि कारोबार में निरंतरता को कायम रखा जा सके। हालांकि कंपनियों को अपने कर्मचारियों को वर्क फ्रॉम होम की छूट देने में ओएसपी व्यवस्था के तहत तकनीकी जरूरतों को पूरा करने में दिक्कत आ रही है।
इन जरूरतों में पीपीवीपीएन (प्रोवाइडर प्रोविजल्ड वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क) कनेक्टिविटी स्थापित करना, कर्मचारियों के गंतव्यों को साझा करना और ऊंचा सिक्योरिटी डिपॉजिट जमा कराना शामिल है। कंपनियों द्वारा पीपीवीपीएन का इस्तेमाल दूरदराज के क्षेत्रों में काम करने वाले कर्मचारियों को सुरक्षित संचार की सुविधा के लिए किया जाता है। नास्कॉम की अध्यक्ष देबजानी घोष ने ट्वीट कर संचार एवं आईटी मंत्री रवि शंकर प्रसाद से आग्रह किया है कि कर्मचारियों की सुरक्षा और कारोबार की निरंतरता के लिए दूरसंचार विभाग आईटी उद्योग को ओएसपी व्यवस्था के तहत इस अवधि के लिए वर्क फ्रॉम होम के नियमों से छूट दे। नास्कॉम आईटी और बीपीओ कंपनियों के साथ स्टार्टअप्स का प्रतिनिधित्व करता है। नास्कॉम ने इस मुद्दे पर विभाग को पत्र भी लिखा है।