नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विदेशी निवेश का आह्वान करते हुए मंगलवार को कहा कि भारत विश्व की सबसे खुली अर्थव्यवस्थाओं में से एक है और दुनिया के साथ कारोबार करने के लिए तैयार है। उन्होंने भारत-कोरिया कारोबार शिखर सम्मेलन में कहा कि सरकार ने कारोबार के लिए स्थिर माहौल बनाने की दिशा में काम किया है और मनमाने ढंग से फैसले लेने के चलन को खत्म किया है। मोदी ने कहा कि रोजाना के लेनदेन को सकारात्मक बनाना हमारा लक्ष्य है। हम संदेह को कुरेदने के बजाय भरोसे का विस्तार कर रहे हैं। यह सरकार की मानसिकता में संपूर्ण बदलाव दर्शाता है।
प्रधानमंत्री ने खरीद क्षमता के आधार पर भारत के विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था होने का हवाला दिया। उन्होंने कहा कि जल्द ही हम सकल घरेलू उत्पाद (GDP) के आधार पर विश्व की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएंगे। हम आज विश्व में सबसे तेजी से वृद्धि करती प्रमुख अर्थव्यवस्था भी हैं। हम स्टार्टअप के लिए सबसे बड़ी पारिस्थितिकी वाले देशों में से भी एक हैं।
मोदी ने कहा कि सरकार नियमन और लाइसेंस की रुकावटें दूर करने की मुहिम पर है। उन्होंने कहा कि औद्योगिक लाइसेंसों की वैधता अवधि को तीन साल से बढ़ाकर 15 साल व इससे अधिक कर दिया गया है।
उन्होंने कहा कि अगर आप विश्व पर नजर दौड़ाएं तो ऐसे बेहद कम देश हैं जहां अर्थव्यवस्था के तीन महत्वपूर्ण कारक एक साथ मौजूद हैं। ये कारक हैं - लोकतंत्र, जनसांख्यिकी और मांग। भारत में यह तीनों मौजूद है। उन्होंने कोरियाई कारोबारियों से कहा कि भारत अब कारोबार के लिए तैयार है। प्रधानमंत्री ने उनके निवेश के संवर्धन एवं संरक्षण के लिए हरसंभव उपाय का भी भरोसा दिया।