नई दिल्ली। संसद में जीएसटी संविधान संशोधन विधेयक पारित होने के बाद राज्यों को भी इस मामले में साथ लेने के लिए सरकार कड़ी मेहनत कर रही है। सरकार को उम्मीद है कि वह अप्रैल 2017 से इसे लागू करने की समयसीमा को ध्यान में रखते हुए जीएसटी से जुड़े दो अहम विधेयकों को संसद के शीतकालीन सत्र में पेश कर देगी।
केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री एम. वेंकैया नायडू ने कहा, हमें उम्मीद है कि दोनों विधेयकों (केंद्रीय जीएसटी और अंतरराज्यीय जीएसटी) को शीतकालीन सत्र में पेश कर दिया जाएगा। मैंने पहले ही 15 मुख्यमंत्रियों से बात की है। इस सुधार को लेकर सरकार ने भले ही राजनीतिक आम सहमति बना ली हो लेकिन इसे समय पर लागू करना एक बड़ी चुनौती है और यदि सरकार इसे कर लेती है तो यह किसी चमत्कार से कम नहीं होगा।
कम से कम 16 राज्यों को जीएसटी संविधान संशोधन विधेयक पर अपनी सहमति जतानी होगी। उसके बाद इसे जीएसटी परिषद को भेजा जायेगा जो कि जीएसटी की दर के बारे में फैसला लेगी और इसमें केन्द्र और राज्य कर को तय करेगी। इसे ही नए कर कानून में शामिल किया जाएगा। जीएसटी संविधान संशोधन विधेयक के अधिसूचित होने के बाद जीएसटी परिषद का गठन किया जाएगा।
जीएसटी पर व्यापारियों की चिंता को दूर करने के लिए कार्यक्रम चलाएगी सरकार
जीएसटी को एक अप्रैल, 2017 से लागू करने का लक्ष्य लेकर चल रही है। ऐसे में सरकार ने छोटे व्यापारियों की चिंता दूर करने के लिए कार्यक्रम शुरू करने का फैसला किया है। वित्त राज्यमंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने कहा, हम जीएसटी को लक्षित तारीख तक लागू करने के लिए इससे संबंधित औपचारिकताऔं को पूरा करने का प्रयास कर रहे हैं।