हैदराबाद/नागपुर। होंडा कार्स इंडिया का कहना है कि भारत जरूरी बुनियादी ढांचा की कमी और किफायत के लिहाज से बड़ी संख्या में इलेक्ट्रिक कार के लिए अभी तैयार नहीं है। वहीं दूसरी ओर नागपुर देश में इलेक्ट्रिक वाहनों की सार्वजनिक परिवहन प्रणाली वाला शहर बन गया है।
होंडा कार्स इंडिया के अध्यक्ष तथा मुख्य कार्यपालक अधिकारी योचिरो उनो ने कहा कि उनकी कंपनी इलेक्ट्रिक कार का विकास कर रही है लेकिन अभी यह उम्मीद करना कि बड़ी संख्या में ऐसी कारें भारतीय सड़कों पर चलेंगी, जल्दबाजी होगी, जिसका कारण बुनियादी ढांचा तथा किफायत से जुड़ी बातें हैं।
उनो ने कहा, भारत कीमत के मामले में काफी संवेदनशील है। इसीलिए इलेक्ट्रिक कार के लिए यह मुश्किल लगता है। साथ ही भारत जितना बड़ा देश है, बुनियादी ढांचा के विकास में समय लगेगा। होंडा ने पिछले साल करीब 1.6 लाख वाहन बेचे और इस साल इसमें उसे 8 प्रतिशत से अधिक वृद्धि की उम्मीद है। EPFO अनिवार्य योगदान में कर सकता है कटौती, आपकी टेक होम सैलरी में होगा इजाफा
नागपुर इलेक्ट्रिक वाहनों की सार्वजनिक परिवहन प्रणाली वाला पहला शहर
नागपुर आज देश में इलेक्ट्रिक वाहनों की सार्वजनिक परिवहन प्रणाली वाला पहला शहर बन गया। शहर में 200 इलेक्ट्रिक वाहनों की परिवहन प्रणाली शुरू हुई है। इनमें टैक्सियां, बस, ई-रिक्शा और तिपहिया शामिल हैं।
सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने यहां महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस के साथ नागपुर हवाई अड्डा परिसर में देश की पहले मल्टी मॉडल इलेक्ट्रिक वाहन परियोजना का उद्घाटन किया। इसके साथ ही महाराष्ट्र ई-टैक्सियों के लिए विभिन्न प्रकार के प्रोत्साहन उपलब्ध कराने वाला पहला राज्य हो गया है।
यह पायलट परियोजना 200 वाहनों के बेड़े के साथ शुरू की गई है। इनमें 100 महिंद्रा के नए ई2ओ प्लस वाहन शामिल हैं। अन्य वाहनों में टाटा मोटर्स, काइनेटिक, बीवाईडी और टीवीएस के वाहन शामिल हैं। टैक्सी एप सेवा कंपनी ओला ने ईवी और चार्जिंग ढांचे में 50 करोड़ रुपए से अधिक का निवेश किया है।