नई दिल्ली। कोरोना से लड़ाई के खिलाफ जारी जंग में देशव्यापी लॉकडाउन के कारण हुए नुकसान की भरपाई के लिए कोविड 19 सेस लगाया गया है। कोरोना वायरस के कारण लागू लॉकडाउन की वजह से नागालैंड सरकार की आमदनी प्रभावित हुई है। राजस्व में आई इस कमी की पूर्ति के लिए राज्य सरकार ने पेट्रोलियम उत्पादों पर उपकर लगाने का फैसला किया है। कोरोना संकट के बीच नागालैंड सराकर ने पेट्रोल और डीजल पर कोविड-19 सेस (Covid-19 Cess) लगाया है। प्रदेश सरकार की ओर से जारी अधिसूचना के मुताबिक, राज्य में बीती आधी रात के बाद से पेट्रोल 6 रुपए प्रति लीटर और डीजल 5 रुपए प्रति लीटर महंगा हो गया है।
नागालैंड के अतिरिक्त मुख्य सचिव और वित्त आयुक्त सेंटियांगर इमचेन ने अधिसूचना में बताया कि पेट्रोलियम उत्पादों पर कोविड-19 उपकर लगाया गया है। नागालैंड के (पेट्रोलियम और पेट्रोलियम उत्पादों की बिक्री) कराधान अधिनियम, 1967 की धारा 3ए की उपधारा 3 का इस्तेमाल करते हुए राज्यपाल ने पेट्रोल के दाम में 6 रुपए की और डीजल की कीमत में 5 रुपए की वृद्धि की है।
गौरतलब है कि इससे पहले, असम सरकार ने हाल ही में राजकोषीय घाटे की भरपाई के लिए पेट्रोल और डीजल की कीमतों में 5 रुपए प्रति लीटर और पेट्रोल पर 6 रुपए प्रति लीटर टैक्स की बढ़ोतरी की थी और मेघालय ने गिरते राजस्व का मुकाबला करने के लिए 2 प्रतिशत बिक्री कर अधिभार की घोषणा की थी। मालूम हो कि देश में कोरोना के बढ़ते मामले को देखते हुए लॉकडाउन को 3 मई तक लागू किया गया है। हालांकि 20 अप्रैल से लॉकडाउन के दौरान उन इलाकों में कुछ छूट भी दी गई है, जहां कोरोना के मामले कम हैं।
तेल कीमतों के दामों में बढ़ोतरी का ऐलान करते हुए असम के वित्त मंत्री हिमंता बिस्व सरमा ने कहा था कि देशव्यापी लॉकडाउन के कारण राज्य को हुए नुकसान की भरपाई के लिए असम सरकार ने पेट्रोल और डीजल के दामों में बढ़ोतरी की है। सरमा ने कहा था कि पेट्रोल-डीजल के दाम में यह बढ़ोतरी अस्थायी है और हम सबको को इसका बोझ सहन करना होगा। जैसे ही कोरोना वायरस खत्म होगा, इसकी फिर से समीक्षा की जाएगी।