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NABARD ने भी मिलाया RBI के सुर में सुर, कहा- सिर्फ जरूरतमंद किसानों के लिए ही हो कर्जमाफी

NABARD ने RBI के सुर में सुर मिलाते हुए कहा कि किसानों की कर्जमाफी नैतिक संकट है। NABARD के अनुसार, इस तरह की सुविधाएं केवल जरूरतमंदों को ही दी जानी चाहिए।

Manish Mishra
Published on: April 12, 2017 10:11 IST
NABARD ने भी मिलाया RBI के सुर में सुर, कहा- सिर्फ जरूरतमंद किसानों के लिए ही हो कर्जमाफी- India TV Paisa
NABARD ने भी मिलाया RBI के सुर में सुर, कहा- सिर्फ जरूरतमंद किसानों के लिए ही हो कर्जमाफी

मुंबई राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (NABARD) ने भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के सुर में सुर मिलाते हुए कहा कि किसानों के कर्ज माफ किया जाना नैतिक संकट है। NABARD ने कहा कि इस तरह की सुविधाएं केवल जरूरतमंदों को ही दी जानी चाहिए।

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उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा किसानों के 36,000 करोड़ रुपए के कृषि ऋण माफ करने की घोषणा करने के एक सप्ताह बाद NABARD के चेयरमैन हर्ष कुमार भानवाला ने कहा कि कर्ज लौटाने के लिहाज से ऋण माफी एक प्रकार का नैतिक संकट खड़ा करता है, हम विभिन्न प्रायोजन के लिए इस तरह के माफी पैकेज नहीं ला सकते हैं।

उन्होंने कहा कि हरियाणा, महाराष्ट्र और तमिलनाडु सहित विभिन्न राज्यों में इस तरह की मांग उठ रही हैं। ऐसे में ऋण माफी से पैदा होने वाले नैतिक संकट पर विचार करने की जरूरत है। इस प्रकार की माफी योजनाए केवल जरूरतमंद किसानों के लिए ही होनी चाहिए।

करदाताओं के पैसों से दी जाती है कर्ज से मुक्ति

भानवाला ने कहा कि हर बार कोई न कोई कर्जमाफी योजना घोषित कर दी जाती है। यह करदाताओं का पैसा है जिसे किसानों को कर्ज से मुक्ति दिलाने के लिये इस्तेमाल किया जाता है। NABARD के चेयरमैन की यह टिप्पणी रिजर्व बैंक गवर्नर उर्जित पटेल की किसानों की ऋण माफी पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त किए जाने के कुछ दिन बाद आई है।

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NABARD के शुद्ध लाभ में हुई बढ़ोतरी

NABARD ने 2016-17 के लिए अपने शुद्ध लाभ में 4.24 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की है। उसका लाभ इस दौरान बढ़कर 2,631 करोड़ रुपए हो गया जबकि बकाया कर्ज 16.27 फीसदी बढ़कर 3,080 अरब रुपए हो गया। भानवाला ने कहा कि वित्तीय वर्ष 2016-17 में कृषि ऋण के लिए सरकार द्वारा तय 9,000 अरब रुपए का कर्ज आंकड़ा पार होने वाला है और 2018 में यह 10,000 अरब रुपए के लक्ष्य को पार करता हुआ अपने प्रदर्शन को दोहरायेगा।

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