मुंबई। नाबार्ड ग्रामीण आवास योजना खंड में उतरने की तैयारी कर रही है। इसके लिए नाबार्ड की योजना प्रधानमंत्री आवास योजना (पीएमएवाई) के तहत बनने वाले मकानों के लिए वित्तपोषण की सुविधा उपलब्ध कराने की है।
नाबार्ड के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि इसके तहत हमारा चालू वित्त वर्ष में 10,000 करोड़ रुपए के वितरण का लक्ष्य है। अधिकारी ने यहां संवाददाताओं से कहा कि सरकार में पीएमएवाई के लक्ष्य को हासिल करने के लिए विशेष इकाई बनाने की बात चल रही है। हम इस विशेष इकाई का वित्तपोषण करेंगे। अधिकारी ने कहा कि ग्रामीण आवास एक बड़ी चुनौती है और हमें इसके वित्त पोषण के नए तरीके ढूंढने होंगे।
रिजर्व बैंक के बाद कृषि ऋण माफी पर जताई चिंता
भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा कृषि ऋण माफी पर चिंता व्यक्त करने के बाद राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) ने भी किसानों के ऋण माफ किए जाने को नैतिक संकट करार दिया और कहा कि इस तरह की सुविधाएं केवल जरूरतमंदों को ही दी जानी चाहिए।
उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा किसानों के 36,000 करोड़ रुपए के कृषि ऋण माफ करने की घोषणा के एक सप्ताह बाद यहां नाबार्ड चेयरमैन हर्ष कुमार भानवाला ने कहा कि कर्ज लौटाने के लिहाज से ऋण माफी एक प्रकार का नैतिक संकट खड़ा करता है, हम विभिन्न प्रायोजन के लिए इस तरह के माफी पैकेज नहीं ला सकते हैं।
केवल जरूरतमंद किसानों को मिले माफी
उन्होंने कहा कि हरियाणा, महाराष्ट्र और तमिलनाडु सहित विभिन्न राज्यों में इस तरह की मांग उठ रही हैं। ऐसे में ऋण माफी से पैदा होने वाले नैतिक संकट पर विचार करने की जरूरत है। इस प्रकार की माफी योजनाएं केवल जरूरतमंद किसानों के लिए ही होनी चाहिए।
2016-17 में शुद्ध लाभ 4.24 प्रतिशत बढ़ा
नाबार्ड ने आज 2016-17 के लिए अपने शुद्ध लाभ में 4.24 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की है। उसका लाभ इस दौरान बढ़कर 2,631 करोड़ रुपए हो गया, जबकि बकाया कर्ज 16.27 प्रतिशत बढ़कर 3,080 अरब रुपए हो गया। भानवाला ने कहा कि वित्तीय वर्ष 2016-17 में कृषि ऋण के लिए सरकार द्वारा तय 9,000 अरब रुपए का कर्ज आंकड़ा पार होने वाला है और 2018 में यह 10,000 अरब रुपए के लक्ष्य को पार करता हुआ अपने प्रदर्शन को दोहराएगा।